Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार के आला अधिकारियों की सुस्ती टूटने का नाम नहीं ले रही है. मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन- 1100 पर आम जनता की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. सरकार की योजना के मुताबिक इस नंबर पर शिकायतें तो लगातार आ रही हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा है. आंकड़े बताते हैं कि अधिकारी लोगों की समस्या के समाधान में दिलचस्पी ही नहीं दिखाते. मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन में बीते 6 महीने में 62 हजार 982 शिकायतें प्राप्त हुई. इनमें 35 हजार 988 शिकायतें बंद हुई, जबकि 10 हजार 720 अब तक लंबित हैं.


क्या बताते हैं आंकड़े?
आंकड़ों के मुताबिक, लेवल वन पर 5 हजार 783 लेवल 2 पर 1 हजार 873 लेवल 3 पर 1 हजार 357 लेवल 4 पर 1 हजार 135 शिकायतें पेंडिंग पड़ी हुई हैं. अधिकारियों के पास आम जनता की समस्या को सुलझाने का वक्त ही नहीं है. गौरतलब है कि शिकायत का निपटारा न होने की स्थिति में यह शिकायत लेवल एक से लेवल चार तक पहुंचती है. तत्कालीन भाजपा सरकार ने इस योजना की शुरुआत साल 2019 में की थी. हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हेल्पलाइन को और ज्यादा सुदृढ़ बनाने की बात कही, लेकिन आला अधिकारी तो समस्या सुलझाने में ही कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.


जनता की समस्या सुलझाने में अधिकारियों की नहीं रुचि
दरअसल जब आम जनता का काम सरकारी अधिकारी नहीं करते, तब जनता अपनी समस्या मुख्यमंत्री सेवा संकल्प 1100 हेल्पलाइन पर दे सकते हैं. यह योजना दूरदराज में रहने वाले इलाकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. क्योंकि इसकी वजह से आम जनता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते. हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज होने के बाद एक महीने में इसका निपटारा हो जाता है. लेकिन, विडंबना है कि छह महीने में दर् हुई यह शिकायतें अब तक लंबित हैं.


 साल 2019 में जब मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन की शुरुआत हुई थी, तब से लेकर अब तक 5 लाख 40 हजार 363 प्राप्त हुई. इनमें 3 लाख 76 हजार 543 का समाधान किया गया. इनमें से 1 लाख 13 हजार 803 शिकायतें स्पेशल क्लोजर के तहत बंद की गई है. गौरतलब है कि जब स्पेशल क्लोजर से भी शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं होता, तब अधिकारी इसे विशेष अधिकार के तहत तहत खत्म कर देते हैं.


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