Himachal Pradesh Hotelier: विश्व भर में हिमाचल प्रदेश की पहचान पर्यटन राज्य के रूप में है. प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन कारोबार करते 4.3 फीसदी हिस्सा है. पर्यटन कारोबार की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले होटल कारोबारी इन दिनों सरकार से नाराज चल रहे हैं. कारोबारियों ने अपने होटल पर ताला लगाकर चाबी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) को सौंपने की तैयारी कर ली है. हिमाचल प्रदेश टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ (Mahendra Seth) का कहना है कि होटल कारोबारियों से प्रॉपर्टी टैक्स और पानी के कमर्शियल बिल की नाजायज वसूली की जा रही है.


उन्होंने कहा कि हाल ही में पानी के टैरिफ में 10 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है. इससे शिमला के लगभग 300 होटल कारोबारियों के व्यवसाय पर असर पड़ रहा है. इस बढ़ोतरी के बाद होटल के पानी का रेट 67.5 फीसदी महंगा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सभी शहरों में होटल व्यवसायियों के 27 रुपये प्रति किलोलीटर पानी का रेट चार्ज किया जाता है और इसमें कोई स्लैब सिस्टम नहीं रखा गया है.


ताला लगाकर चाबी सरकार को सौंपने की तैयारी


होटल कारोबारी अपनी मांग को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और शिमला के विधायक हरीश जनारथा से मुलाकात करने जा रहे हैं. इस मुलाकात के दौरान होटल कारोबारी पानी के टैरिफ, कूड़े की फीस और होटल कारोबारियों से वसूले जा रहे प्रॉपर्टी टैक्स को रेशनलाइज करने की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो वह अपने होटलों में ताले लगाकर चाबी सरकार को सौंप देंगे. क्योंकि इतने अधिक बिलों के दबाव के बीच होटल चलाना संभव नहीं है.


हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की भी मांग


होटल कारोबारियों की यह भी मांग है कि प्रदेश में कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाए, ताकि हिमाचल प्रदेश आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होना भी बेहद जरूरी है, ताकि विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हो सके. गौरतलब है कि बीते कुछ साल में कोरोना की वजह से भी विदेशी पर्यटकों की संख्या घटी है.


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