Himachal Pradesh News Today: हिमाचल प्रदेश की सियासत में उथल-पुथल जारी है. आए दिन सरकार और संगठन स्तर पर नए फैसले लिए जा रहे हैं. हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने अब धर्मशाला ब्लॉक कांग्रेस कमेटी को भंग कर दिया है. उन्होंने यह निर्णाय हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला की अनुमति से लिया है. 


हिमाचल कांग्रेस के संगठन महासचिव रजनीश किमटा की ओर से इस संबंध में लिखित आदेश भी जारी किए जा चुके हैं. कमेटी रद्द करने का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू भी हो चुका है. धर्मशाला बागी और हिमाचल प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित हो चुके सुधीर शर्मा का गृह विधानसभा क्षेत्र है.


सुधीर शर्मा पर गिर रही गाज
इससे पहले भी धर्मशाला नगर निगम से उन सभी मनोनीत पार्षदों को हटा दिया गया था, जो सुधीर शर्मा के करीबी थे. हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले में नए पार्षदों को नगर निगम धर्मशाला के लिए मनोनीत किया गया है. 


धर्मशाला के विधायक रहे सुधीर शर्मा की पार्टी से बगावत के बाद गाज उनके समर्थकों पर भी गिरती हुई नजर आ रही है. हालांकि सुधीर शर्मा को अब भी उम्मीद है कि जल्द ही उनकी सदस्यता रद्द करने वाला यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लिस्टेड होगा और उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी. सुधीर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद है.


पांच बागियों पर नहीं हुई कोई कार्रवाई
राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के छह विधायकों ने बगावत की. उनकी सदस्यता व्हिप जारी होने के बावजूद उपस्थित न रहने की वजह से चली गई. सुधीर शर्मा के अलावा अन्य पांच बागी नेताओं और उनके विधानसभा क्षेत्र में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सुधीर शर्मा को पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पद हटाया गया. 


इसके तुरंत बाद बागी नेता राजिंदर राणा ने हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से खुद ही इस्तीफा दे दिया. जानकारों की मानें, तो सुधीर शर्मा छह बागी नेताओं में सबसे मजबूत चेहरा हैं. ऐसे में सरकार और संगठन की ओर से सबसे पहले उनकी ही सियासी जड़ें कमजोर करने की कोशिश हो रही हैं. हालांकि कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जल्द ही अन्य विधायकों पर भी कार्रवाई होगी.


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