Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश विधानसभा एक बार फिर दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण बना है. धर्मशाला में पांच दिन तक चले हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कार्य उत्पादकता 132 फीसदी रही. 19 दिसंबर से शुरू हुई विधानसभा की कार्यवाही कुल 33 घंटे तक चली. इस सत्र में विधानसभा के सदस्यों ने 471 प्रश्न पूछे. इनमें 348 प्रश्न तारांकित और 123 प्रश्न अतारांकित थे. सत्र के दौरान कुल 260 तारांकित और 119 अतारांकित प्रश्नों की सूचनाओं पर सरकार ने उत्तर उपलब्ध करवाए.


हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि चौदहवीं विधानसभा का चौथा सत्र अपेक्षा के अनुरूप संपन्न हुआ है. उन्होंने बताया कि यह धर्मशाला में 18वां और तपोवन में 17वां सत्र था. विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान दो नए मंत्रियों के परिचय के साथ नए विधानसभा उपाध्यक्ष का सर्वसम्मति से चयन हुआ. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में मिले सहयोग के लिए पक्ष-विपक्ष का आभार व्यक्त किया.



इन नियमों के तहत हुई सार्थक चर्चा


हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान नियम 61 के तहत चार विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई. नियम 62 के तहत पांच और नियम 63 के तहत एक विषय पर चर्चा हुई. इसके अलावा नियम 101 के तहत पांच, नियम 102 के तहत दो, नियम 130 के तहत सात और नियम 324 के तहत सात विषयों पर चर्चा हुई.


वहीं शीतकालीन सत्र के दौरान बीजेपी विधायकों की ओर से अजब-गजब प्रदर्शन भी देखने को मिले. बीजेपी विधायक कभी टोकरी में गोबर तो कभी बाल्टी में दूध लेकर विधानसभा के बाहर कांग्रेस सरकार पर गारंटियों को नहीं पूरा करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन करते दिखे. इसके जवाब में कांग्रेस के विधायक भी तख्ती लेकर केंद्र सरकार पर वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी पर निशाना साधा.


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