Apple State Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान सेब बागवानों का मुद्दा सदन में गूंजा. सत्ता पक्ष के सदस्य कुलदीप सिंह राठौर ने सेब बागवानों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार ने सब को प्रति किलो के हिसाब से बचने का फैसला लिया है, लेकिन बागवानों को इस सीजन में कई जगह परेशानी का सामना करना पड़ा.


 उन्होंने कहा कि बाजार में यूनिवर्सल कार्टन की जगह अभी टेलीस्कोपिक कार्टन उपलब्ध था. ऐसे में बागवानों को पहले साल परेशानी का सामना करना पड़ा. कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि पहले साल बागवानों में भी कई जगह रोष भी नजर आया.


'सेब बागवानी अब फायदे का सौदा नहीं'
ठियोग विधानसभा क्षेत्र से विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि सेब को प्रति किलो के हिसाब से बचने का नियम सिर्फ हिमाचल प्रदेश में ही है. अन्य राज्यों में ऐसा नियम अब तक लागू नहीं हुआ है. इस वजह से कई से बागवान परेशानी का सामना कर रहे हैं. हरियाणा के पंचकूला में हाल ही में एक मंडी स्थापित हुई है. आने वाले वक्त में इससे नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा कि सेब बागवानी अब फायदे का सौदा नहीं है. दवा, मजदूर और अन्य जरूरत का सामान महंगा हो चुका है.


राठौर ने बताई सेब बागवानों की परेशानी
ऐसे में बागवानों की परेशानी कम करने की जरूरत है. कुलदीप सिंह राठौर ने वाशिंगटन एप्पल पर काम की गई इंपोर्ट ड्यूटी का मामला भी उठाया. उन्होंने कहा कि इससे बागवान को नुकसान होगा. ईरान से भी भारत में सेब आ रहा है और हिमाचल के सेब बागवानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि कोरोना काल में जब सभी सेक्टर डिरेल गए थे, उस समय बागवानी के सेक्टर नहीं देश-प्रदेश को बचाने का काम किया.


सब की पेटियों के दाम चार हजार रुपए तक
इस पर हिमाचल प्रदेश सरकार में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने जवाब दिया. उन्होंने बताया कि सरकार ने बागवानों के हित में किलो के हिसाब से सेब बेचने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि यह फैसला ऐतिहासिक था. हिमाचल प्रदेश में आज तक के इतिहास में सबसे महंगा सेब इस सीजन में बिक रहा है. कई सब की पेटियों के दाम चार हजार रुपए तक पहुंचे हैं.


नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ 22 लाख रुपए का जुर्माना
उन्होंने कहा कि नियमों को सख्ती से लागू किया गया है. आढ़तियों की एक लॉबी ने इसका विरोध करने की कोशिश की. नियमों का उल्लंघन करने वाले आढ़तियों के खिलाफ 22 लाख रुपए तक का जुर्माना किया गया. उन्होंने किसान संगठनों का सरकार का सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया.


यूनिवर्सल कार्टून 24 किलो फिक्स है
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि बाजार में अभी दो तरह के कार्टून उपलब्ध हैं. एक टेलीस्कोपिक कार्टन और दूसरा यूनिवर्सल कार्टन. टेलीस्कोपिक कार्टन दो पीस में बनता है. इसे खींचकर इसमें ज्यादा सेब डाले जा सकते हैं. आढ़ती इसी कार्टन में सेब खरीदना चाह रहे हैं, लेकिन यूनिवर्सल कार्टून 24 किलो फिक्स है. यह कार्टन सिर्फ एक पीस में आता है. उन्होंने कहा कि यह पहली बार ऐसा फैसला लिया गया. 


यूनिवर्सल कार्टन में ही होगी सेब की बिक्री
ऐसे में कई बागवानों के पास अब भी टेलीस्कोपिक कार्टन था. इसलिए सरकार ने अब यह फैसला लिया है कि आने वाले सीजन से केवल यूनिवर्सल कार्टन ही इस्तेमाल में लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि वे पड़ोसी राज्यों के साथ भी पत्राचार कर रहे हैं, ताकि वहां भी सेब प्रति किलो के हिसाब से बिके. उन्होंने कहा कि यदि पड़ोसी राज्य नहीं मानेंगे, तो वह इसके लिए कोर्ट का रास्ता भी अख्तियार करेंगे.


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