HP Budget Session 2023: हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार बनते ही पूर्व सीएम जयराम सरकार के आखिरी छह महीने में में खोले गए संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया है. इस पर विपक्ष की ओर ने सदन में नियम-67 के तहत चर्चा की मांग की है. यह प्रस्ताव विपक्ष के सदस्य और पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी लेकर आए थे. शुरुआत में मामला उच्च न्यायालय में होने की वजह से विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा देने से इनकार किया. बाद में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हस्तक्षेप के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने डिनोटिफाइड संस्थानों की चर्चा करने की इजाजत दी. 


विधानसभा कार्य संचालन नियम 67 के तहत हुई चर्चा के चलते विधानसभा में सभी कार्य स्थगित कर दिए गए. चर्चा के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने आरोप लगाया कि सरकार ने बदले की भावना से काम करते हुए सभी संस्थानों को एक साथ बंद कर दिया. एक-एक कर पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया. विपक्षी सदस्यों ने सरकार के इस फैसले को गलत बताया. दूसरी तरफ सत्तापक्ष के सदस्य सरकार का बचाव करते नजर आए.


सीएम पर चढ़ा सत्ता का नशा: जयराम ठाकुर


चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को संस्थान डिनोटिफाई करने से पहले इनका रिव्यू करना चाहिए था, लेकिन सरकार ने एक साथ ही सभी संस्थानों को बंद करने का गलत फैसला लिया. नेता प्रतिपक्ष ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पर सत्ता का नशा चढ़ गया है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि शुरुआत में उन्हें ऐसा लगा कि गलती से संस्थान डिनोटिफाई की गई, लेकिन बाद में यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहा. उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था परिवर्तन जनता को समझ नहीं आ रहा है. इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नेता प्रतिपक्ष को टोकते हुए कहा कि उन्हें केवल तथ्यों पर बात करनी चाहिए. 



सीएम इस बात की चिंता करें कि उनका कार्यकाल कितना है?


इसका जवाब देते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से कहा कि आपको सभी सुक्खू भाई कह कर बुलाते हैं. इन दिनों लोग पूछ रहे हैं- सुक्खू भाई को आखिर क्या हो गया? जयराम ठाकुर ने तंज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ ताले वाले मुख्यमंत्री का तमगा जुड़ गया है, आने वाले वक्त में मुख्यमंत्री को परेशानी में डालेगा. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने फिर तंज करते हुए कहा कि आपकी सरकार का कार्यकाल कितना है? यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है, लेकिन कांग्रेस सरकार ने तीन महीने में केवल बंद करने का ही काम किया है.


नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खतरे में


नेता प्रतिपक्ष की बात का जवाब देते हुए सुखविंदर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही विकास की गाथा लिखने वाले कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम दी गई है. अप्रैल महीने से कर्मचारियों को पेंशन स्कीम का लाभ मिलने लगेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष केवल तथ्यहीन बातें कर रहे हैं. उन्हें सदन में तैयारी के साथ आना चाहिए था. मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को उनके ही विधायक मिसगाइड कर रहे हैं. ऐसे में उनकी कुर्सी भी भविष्य में खतरे में आ सकती है.


नियम- 67 के तहत हुई चर्चा रद्द


एचपी विधानसभा में नियम-67 के तहत पूरे दिन चली चर्चा के बाद विपक्ष सदन से उठकर बाहर चला गया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विपक्ष का यह वॉक आउट रजिस्टर नहीं किया जाएगा. ऐसा इसलिए कि विपक्ष को उनके कहे मुताबिक पूरी चर्चा करने का मौका दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने नियम-67 के तहत हुई चर्चा को रद्द कर दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन की कार्यवाही के दौरान सदन में अनुपूरक बजट को पास करवाया.


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