हिमाचल हाईकोर्ट ने सोमवार को SDM ऊना विश्व मोहन देव चौहान को बड़ी राहत देते हुए अग्रिम जमानत प्रदान कर दी. कोर्ट ने साथ ही उन्हें पुलिस जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं. यह मामला ऊना की एक युवती द्वारा शादी का झांसा देकर रेप, ब्लैकमेलिंग और धमकी के आरोप से जुड़ा हुआ है.

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अदालत ने सोमवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला आरक्षित कर सुनाया. अगली सुनवाई अब 16 अक्टूबर को होगी, जिसमें अदालत के सामने इस केस की स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाएगी. पिछली सुनवाई में अदालत को बताया गया था कि SDM और पीड़िता के बीच समझौता हो चुका है. 

इस पर न्यायाधीश राकेश कैंथला की बेंच ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि रिपोर्ट पेश की जाए ताकि इस तथाकथित समझौते की सच्चाई सामने आए. सोमवार को रिपोर्ट मिलने के बाद अदालत ने SDM को राहत देते हुए अग्रिम जमानत मंजूर कर दी.

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चार बिंदुओं से समझें पूरा मामला

शादी का झांसा देकर रेप का आरोप– पीड़िता ने कहा कि SDM ने पहले दोस्ती की, फिर शादी का वादा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. शिकायत के अनुसार, उसने पीड़िता को रेप का वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल भी किया और जान से मारने की धमकी दी.

सोशल मीडिया पर शुरू हुई जान-पहचान– युवती ने बताया कि SDM से उसकी बातचीत सोशल मीडिया पर शुरू हुई थी. अधिकारी ने कई बार उसे ऑफिस बुलाया, जहां 10 अगस्त को उसने निजी कक्ष में जबरदस्ती संबंध बनाए.

रेस्ट हाउस में दोबारा बुलाया गया– 20 अगस्त को अधिकारी ने युवती को ऊना के रेस्ट हाउस में बुलाया. कहा कि वहां जाकर अपना नाम बदल दो और अपने आपको असिस्टेंट प्रोफेसर सोलन बताओ. उस दिन रात को दोबारा जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए गए.

शादी से इंकार और धमकी– जब पीड़िता ने शादी की बात कही तो SDM ने कहा कि उसकी पहले से सगाई हो चुकी है, वह ऊना का शासक है और उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. इसके बाद भी वह उसने पीड़िता को वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल किया और धमकियां दीं.

इस पूरे मामले की जांच जारी है. पुलिस और कोर्ट दोनों स्तरों पर अब अगली सुनवाई में स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय होगी.