Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) में कारोबारी निशांत शर्मा (Nishant Sharma) से जुड़े मामले में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने एसपी कांगड़ा और एसपी शिमला को मामले में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा था. एसडीपीओ ज्वालामुखी ने हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की डबल बेंच को आश्वस्त किया कि वे इस मामले में एफआईआर दर्ज करेंगे. इस मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होनी है.


हाईकोर्ट ने इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज गुप्ता को नियुक्त एमिकस क्यूरी किया है. हाईकोर्ट ने कारोबारी निशांत शर्मा को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए भी कहा है. कांगड़ा के पालमपुर से संबंध रखने वाले निशांत शर्मा ने हाईकोर्ट को ई-मेल किया था. मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सरकार से 16 नवंबर को रिपोर्ट तलब की थी. यह रिपोर्ट शिमला और कांगड़ा के एसपी को सौंपनी थी. रिपोर्ट में बताया गया कि शिकायत पर अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. इस पर कोर्ट ने कहा कि पहले शिकायत पर एफआईआर दर्ज की जाए और इसके बाद ही आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाए.


क्या है पूरा मामला?


बता दें कि कारोबारी निशांत शर्मा के मुताबिक उन पर गुरुग्राम में हमला हुआ. इसकी एफआईआर गुरुग्राम में दर्ज करवाई गई. इसके बाद मैक्लोडगंज में भी उन्हें मामला वापस लेने लिए दो लोगों ने धमकाया. कारोबारी निशांत शर्मा का कहना है कि उन्हें डीजीपी कार्यालय से 14 बार फोन किया गया. इसके अलावा कथित तौर पर पालमपुर के डीएसपी और एसएचओ ने भी उन पर डीजीपी से बात करने का दबाव बनाया. जब उन्होंने डीजीपी से बात की, तो उन्हें डीजीपी ने शिमला आने के लिए कहा. कारोबारी निशांत शर्मा का आरोप है कि जब वह डीजीपी को जानते ही नहीं है, तो आखिर उन्हें शिमला क्यों बुलाया जा रहा है?


डीजीपी संजय कुंडू ने भी दर्ज करवाया है मामला


इसी संदर्भ में निशांत शर्मा ने डीजीपी को भी मेल किया था और उनसे यही सवाल भी पूछे. इसी के बाद डीजीपी संजय कुंडू ने कारोबारी निशांत शर्मा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवा दिया. मुकदमा दर्ज होने के बाद कारोबारी निशांत शर्मा ने एसपी शिमला और एसपी कांगड़ा को इस संदर्भ में शिकायत दी. जब मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई, तो कारोबारी निशांत शर्मा ने शिमला और कांगड़ा के एसपी को नोटिस तक भिजवा दिया था. अब सभी की नज़रें 16 नवंबर को हिमाचल प्रदेश सरकार में गृह सचिव की ओर से दायर होने वाली स्टेटस रिपोर्ट पर है.


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