Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार तेजी से ताजपोशी में जुट गई है. लंबे वक्त से जिन महाधिवक्ताओं की नियुक्ति का इंतजार हो रहा था, वह नियुक्तियां भी कर दी गई हैं. डैमेज कंट्रोल में जुटी सरकार ने 11 अतिरिक्त, सात उप और दो सहायक महाधिवक्ताओं की तैनाती की अधिसूचना जारी की है. इसमें पूर्व पार्षद सुशांत कपरेट और दिवाकर शर्मा का नाम भी शामिल है. दोनों ही पूर्व पार्षद कांग्रेस की सक्रिय राजनीति का हिस्सा हैं और हाईकोर्ट में वकील भी हैं.


सरकार ने की महाधिवक्ताओं की नियुक्ति


हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना में राजेंद्र वर्मा, लोकिंदर कुठलेरिया, पुनीत राजटा, राजपाल चौहान, दिवाकर, सुशांत कपरेट, पवन नंदा, अमनदीप शर्मा, प्रणव चड्ढा, लीला नंद और विश्वदीप शर्मा को अतिरिक्त महाधिवक्ता लगाया. इसके अलावा मनदीप मिट्टू, मेनका राम चौहान, संतोष डोगरा, हेमंत वर्मा, संजय दत्त वसुदेव, तरुण पाठक और अजीत शर्मा को उप महाधिवक्ता की जिम्मेदारी दी है. वहीं, राधिका जुनेजा और रजत चौधरी को सहायक महाधिवक्ता लगाया गया है. प्रदेश सरकार के सचिव गृह डॉ. अभिषेक जैन ने इसे लेकर अधिसूचना जारी की है.


डैमेज कंट्रोल में जुटी सरकार!


हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट के लिए हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद उपजे सियासी संकट से उबरने के लिए सरकार तेजी से नेताओं और कार्यकर्ताओं की नियुक्ति कर रही है. इससे पहले विधायक नंद लाल को साथ में वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया गया. साथ ही विधायक भवानी सिंह पठानिया को योजना बोर्ड का उपाध्यक्ष लगाया गया है. दोनों ही विधायकों को कैबिनेट रैंक भी दिया गया है. ऐसे में इन सभी नियुक्तियों को सरकार के डैमेज कंट्रोल के तौर पर देखा जा रहा है.


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