ऑपरेशन सिंदूर में, अपने अदम्य साहस के साथ, पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरिदके में आतंकी ठिकानों को तबाह करने पर, हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के जुब्बल के जखोड़ गांव के रहने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर्शवीर सिंह ठाकुर को, भारत सरकार देश के तीसरे सर्वोच्च वीरता सम्मान वीर चक्र से सम्मानित करेगी.
आर्शवीर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्तर के अकेले अफसर हैं, जिन्हें ऑपरेशन सिंदूर के लिए वीर चक्र से नवाजा जा रहा है. आर्शवीर सिंह ठाकुर के पिता, नरवीर सिंह ठाकुर, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड से सेवानिवृत्त हुए हैं और वॉलीबॉल व क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ी व कोच रहे हैं.
समस्त क्षेत्रवासियों को आर्शवीर सिंह ठाकुर पर गर्व
वहीं, आर्शवीर की माता, अमरजीत कौर, शिमला में सरकारी स्कूल में बतौर शारीरिक शिक्षक कार्यरत हैं और वे भी वॉलीबॉल की कोच हैं. इस उपलब्धि पर समस्त क्षेत्रवासियों को आर्शवीर सिंह ठाकुर पर गर्व है.
बता दें, रक्षा मंत्रालय ने हालांकि, वीर चक्र देने के लिए प्रशस्ति पत्र का खुलासा नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि वायुसेना के उन फाइटर पायलट को वीर चक्र से नवाजा गया है, जिन्होंने पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के बहावलपुर और मुरीदके स्थित लश्कर ए तैयबा के आतंकी हेडक्वार्टर को तबाह किया था.
फाइटर पायलट को भी वीर चक्र देने का ऐलान
इसके अलावा उन फाइटर पायलट को भी वीर चक्र देने का ऐलान किया गया है, जिन्होंने पाकिस्तान के एयरबेस पर बमबारी कर नेस्तानबूद किया था. वायुसेना की एस-400 मिसाइल प्रणाली से पाकिस्तान के फाइटर जेट और टोही विमान गिराने वाले जांबाज वायु-योद्धाओं को वीर चक्र से नवाजा गया है.
थलसेना के उन दो अधिकारियों को वीर चक्र देने की घोषणा की गई है, जिन्होंने अपनी तोप के जरिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके में आतंकियों के ठिकानों को बर्बाद किया था.
79वें स्वतंत्रता दिवस पर 127 वीरता मेडल देने का ऐलान
79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने कुल 127 वीरता मेडल देने का ऐलान किया है. इनमें 15 वीर चक्र के अलावा 04 कीर्ति चक्र (शांति काल का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार), 16 शौर्य चक्र (शांति काल का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार), दो सेना मेडल (बार), 58 सेना मेडल, छह (06) नौ सेना मेडल, 26 वायुसेना मेडल शामिल हैं.