हिमाचल में लगातार हो रही बारिश के चलते प्रदेश में फ़िर जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं ने प्रदेश को हिला कर रख दिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी लगातार आ रही आपदाओं को लेकर चिंता जाहिर की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किन्नौर और लाहौल स्पीति में भी बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. जहां पर सिर्फ बर्फ पड़ती थी. ये जलवायु परिवर्तन का असर है.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कुल्लू, शिमला, किन्नौर में भी बीते 24 घंटे के दौरान बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं. बादल फटने की बढ़ती घटनाओं को लेकर केन्द्र से भी बात हुई है. केंद्र से वैज्ञानिकों कि टीम भी अध्ययन कर गई है. उम्मीद है जल्द कोई हल निकलेगा. केन्द्र से विशेष राहत पैकेज की मांग उठाई गई है.

अभी तक केंद्र से नहीं मिली हैं कोई राहत

हिमाचल के बीजेपी नेता भी मिले है. 2023 में आपदा से दस हज़ार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था. विधानसभा में जब इसको लेकर सरकार ने प्रस्ताव लाया था तो बीजेपी ने चर्चा में भाग नहीं लिया. अब सराज में आपदा आई तो बीजेपी के नेता दिल्ली जा रहे है अच्छी बात है. लेकिन अभी तक कोई राहत केंद्र से नहीं मिली हैं.

पौधों के जीवित रहने के आधार पर दिया जाएगा पैसा

ये बात मुख्यमंत्री सुक्खू ने राज्य स्तरीय वन महोत्सव के अवसर पर कही. उन्होंने कहा कि हिमाचल वनों के संरक्षण के लिए काम कर रही है. प्रदेश में राजीव गांधी वन संवर्धन योजना शुरू की गई हैं. जिसमें महिला मंडल, युवा मंडल और स्वयं सेवी संस्थाओं को एक हेक्टेयर भूमि पौधरोपण के लिए दी जाएगी. जिसकापांच साल तक रख रखाव का जिम्मा भी उनका होगा. इसके लिए उन्हें 1 लाख 20 हज़ार और रख रखाव के लिए पांच वर्षों तक पौधों के जीवित रहने के आधार पर पैसा दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने बताया कि हिमाचल में व्यवस्था परिवर्तन के चलते विधानसभा में इतना लंबा मानसून सत्र रखा गया है. ताकि विपक्ष साक्ष्यों के साथ सार्थक चर्चा कर सके. सिर्फ आरोप लगाना मकसद नहीं होना चाहिए. सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है.