Himachal News:  हिमाचल प्रदेश की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार द्वारा बिना किसी बजटीय प्रावधान और पर्याप्त बुनियादी ढांचे के खोले गए संस्थानों और कार्यालयों को गैर अधिसूचित करने के राज्य की नवनिर्वाचित सरकार के फैसले के बाद सत्ताधारी कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. 


नई सरकार के फैसले को पूर्व सीएम ने बताया ‘तुगलकी फरमान’
बिना किसी बजटीय प्रावधान और पर्याप्त कर्मचारियों एवं बुनियादी ढांचे के खोले गए सभी गैर-कार्यात्मक कार्यालयों और संस्थानों को बंद करने की नयी सरकार की घोषणा के तुरंत बाद, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस कदम को ‘‘तुगलकी फरमान’’ बताया और इसे 'दुर्भाग्यपूर्ण' और अनुचित' करार दिया. उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल जैसे राज्य में स्वास्थ्य और शैक्षणिक संस्थान लोगों के घर के सबसे करीब होने चाहिए, लेकिन कांग्रेस सरकार को लोगों को बेहतर सेवाएं पसंद नहीं हैं. उन्होंने सरकार को राजनीतिक प्रतिशोध के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि भाजपा इस तरह के जनविरोधी कदमों को स्वीकार नहीं करेगी और विरोध करने के लिए सड़कों पर आएगी और जरूरत पड़ने पर अदालत भी जाएगी. 


दोनों पार्टियों में जुबानी जंग हुई तेज
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बयान पर पलटवार करते हुए, कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह, नीरज नैयर और चंद्रशेखर ने कहा कि भाजपा नेता पिछली भाजपा सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के अंत में बिना किसी बजटीय प्रावधान के खोले गए कुछ संस्थानों को बंद करने के राज्य सरकार के फैसले पर अनावश्यक हो-हल्ला मचा रहे हैं. कांग्रेस विधायकों ने एक संयुक्त बयान में कहा, 'ऐसा लगता है कि भाजपा नेताओं ने हाल के विधानसभा चुनावों में करारी हार को स्वीकार नहीं किया है.


वही आपको बता दें कि हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार एक्शन मोड में नजर आ रहे है. अभी बीते मंगलवार को ही स्वास्थ संस्थानों को बंद करने के बाद बुधवार को ये बड़ा फैसला सामने आया है. जिसको लेकर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने है.


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