हिमाचल प्रदेश के नए कार्यकारी मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने पदभार संभालते ही अधिकारियों को अनुशासन का सख्त संदेश दिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ पहली बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि अब अधिकारी समय पर दफ़्तर आएंगे और फाइलों को लंबित रखने की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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इसके अलावा उन्होंने कहा किसी भी विभाग की फाइल दो दिन से अधिक एक दफ़्तर में लंबित नहीं रहेगी. वहीं सचिव और डायरेक्टर अगर शहर से बाहर जाते हैं तो इसकी जानकारी मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और संबंधित मंत्रियों को देनी अनिवार्य होगी.

'हिमाचल के लिए अगले 6 महीने कठिन'

हिमाचल की खस्ता आर्थिक स्थिति को लेकर पूछे गए सवाल पर संजय गुप्ता ने माना कि फिलहाल प्रदेश की आर्थिक स्थिति संतोषजनक नहीं है, अगले छह माह प्रदेश के लिए कठिन है, लेकिन सरकार इसे सुधारने के लिए ठोस कदम उठा रही है. 

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उन्होंने कहा- अगले चार-छह महीने आर्थिक स्थिति थोड़ी मुश्किल रहेगी. अगले साल से उम्मीद है कि 2026 और 2027 अच्छे रहेंगे. उन्होंने कहा- ऐसी स्थिति नहीं आने देंगे कि काम ही बंद हो जाए. 

सीएम के साथ बैठक में इन मुद्दों पर हुई चर्चा

मानसून से जो नुकसान हुए हैं, उसकी भरपाई के लिए भारत सरकार से भी संपर्क में हैं. मुख्यमंत्री के साथ बैठक में सात प्राथमिकताओं पर सहमति बनी है और आने वाले समय में इन्हीं पर फोकस किया जाएगा. 

उन्होंने बताया कि वह अपने लंबे प्रशासनिक अनुभव और बिजली बोर्ड के चेयरमैन पद पर रहते हुए जो कार्य किए है. उस अनुभव के आधार पर राज्य की बेहतरी के लिए काम करेंगे. सभी विभागों को वित्तीय अनुशासन अपनाने के निर्देश दिए गए हैं.

बता दें कि कांग्रेस सरकार ने बीते शनिवार को ही ACS संजय गुप्ता को मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है. इस पद से बीते 30 सितंबर को प्रबोध सक्सेना रिटायर हुए हैं. अब सरकार ने नया चीफ सेक्रेटरी लगाने के बजाय राज्य के सबसे सीनियर एवं 1988 बैच के IAS संजय गुप्ता को ही मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार दिया है.  

सीएम ने विभागों की परियोजनाओं को पूरा करने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी सचिवों को लक्ष्य निर्धारित कर अपने विभागों की परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं ताकि लोगों को इनका अधिक से अधिक लाभ मिल सके. सभी प्रशासनिक सचिवों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सुशासन सुनिश्चित करने के लिए पहले दिन से कार्य कर रही है. 

उन्होंने निर्देश दिए कि अब से मुख्य सचिव सभी विभागों की परियोजनाओं की नियमित समीक्षा करेंगे. सुक्खू ने कहा कि प्रदेश एवं प्रदेशवासियों का हित राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी प्रशासनिक सचिव हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपने-अपने कार्यों को धरातल पर उतारने के लिए तेजी से कार्य करें. उन्होंने सभी विभागों की अधूरी परियोजनाओं को प्राथमिकता पर पूरा करने के निर्देश दिए.

'सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दे रही प्राथमिकता'

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पर्यटन, ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण तथा डाटा स्टोरेज क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रही है और इन क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार को गति प्रदान की जाए और पर्यटन से संबंधित परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के कार्य में भी गति लाई जाए. 

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधार लाए जा रहे हैं ताकि लोगों को घर-द्वार के निकट ही बेहतर इलाज की सुविधा प्राप्त हो सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सात मेडिकल कॉलेजों में सुविधाओं को बेहतर करने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है और प्रथम चरण में सभी मेडिकल कॉलेजों में एम्स दिल्ली की तर्ज पर आधुनिक तकनीक से सुसज्जित मशीनें तथा उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ढांचा विकसित करने के दिए निर्देश

सुक्खू ने ई-वाहनों को बढ़ावा देने और उनके लिए जरूरी आधारभूत ढांचा विकसित करने को प्राथमिकता देने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि एफआरए और एफसीए के मामलों की स्वीकृति में तेजी लाई जाए और सभी विभाग अपनी सेवाओं को डिजिटल बनाने पर कार्य करें. उन्होंने कहा कि प्रदेश की लगभग 90 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है. 

राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए प्रयास कर रही है ताकि गांवों में रहने वालों के हाथों में पैसा पहुंचे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने दूध के दामों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है, साथ ही प्राकृतिक खेती से उगाए गए गेहूं, मक्की, जौ और हल्दी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य भी दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती किसानों की आय का मुख्य जरिया बन सकती है तथा कृषि विभाग इस दिशा में गंभीरता के साथ कार्य करे. 

सीएम ने आपदा प्रभावित लोगों को दिया मदद का भरोसा

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 की तरह ही इस वर्ष भी मॉनसून के दौरान हिमाचल प्रदेश में जानमाल का व्यापक नुकसान हुआ है. लेकिन राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से हर प्रभावित के जख्मों पर राहत प्रदान कर रही है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक प्रभावित के साथ मजबूती के साथ खड़ी है. उन्होंने राजस्व विभाग को इस वर्ष आपदा के दौरान हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए ताकि यह रिपोर्ट केन्द्र सरकार को जल्द से जल्द भेजी जा सके.