हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने गुरुवार (2 अक्टूबर) को राज्य की ‘जेन जेड’ पीढ़ी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि हिमाचल की युवा पीढ़ी दूसरों देशों की ‘जेन जेड’ से अलग है, क्योंकि यहां के युवा परंपराओं से जुड़े रहते हैं और विरासत के संरक्षक हैं.

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राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने स्पष्ट किया कि जेन जेड यानी 1997 से 2012 के बीच जन्मी पीढ़ी. उन्होंने कहा, "हिमाचल के ‘जेन जेड’ और दूसरे देशों की जेन जेड के बीच अंतर यह है कि हिमाचल में, जेन-जेड भगवान रघुनाथ जी के रथ को खींचती है, जिससे हमारी संस्कृति आगे बढ़ती है."

कुल्लू दशहरा समारोह का किया उद्घाटन

राज्यपाल ने कुल्लू शहर के रथ मैदान में सप्ताह भर चलने वाले अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा समारोह का उद्घाटन किया. उन्होंने भगवान रघुनाथ की पारंपरिक रथ यात्रा में भाग लिया. कुल्लू दशहरा बाकी भारत के दशहरा से अलग ढंग से मनाया जाता है. यह तब शुरू होता है, जब देश के अन्य हिस्सों में दशहरा खत्म हो चुका होता है.

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इस दौरान आसपास के गांवों से 300 से ज्यादा देवी-देवताओं की भव्य शोभायात्रा और समागम होता है. इसका आरंभ कुल्लू घाटी के आराध्य देवता भगवान रघुनाथ के आगमन से होता है.

नशामुक्त हिमाचल के लिए आह्वान

राज्यपाल ने हिमाचल को नशामुक्त राज्य बनाने के लिए सभी देवी-देवताओं से आशीर्वाद की प्रार्थना की. उन्होंने समाज से आग्रह किया कि नशे जैसी बुराई को खत्म करने के लिए सामूहिक रूप से आगे आएं.

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा, "देवभूमि हिमाचल में नशे के लिए कोई जगह नहीं है. हमें मिलकर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बनाना होगा."

इस मौके पर राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे. कुल्लू दशहरा न सिर्फ धर्म और परंपरा का उत्सव है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का अवसर भी प्रदान करता है.