Himachal News: ठंडी तासीर वाले पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट नजर आ रही है. प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सुगबुगाहट एक बार फिर तेज है. बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) और हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला (Rajiv Shukla) की मुलाकात हुई. दोनों नेता शिमला के नामी होटल ओबेरॉय सिसिल में मिले. इस मुलाकात ने एक बार फिर विस्तार की चर्चाओं को हवा देने का काम किया है. 


हिमाचल दौरे पर आई हुई हैं प्रियंका गांधी वाड्रा


दरअसल, बुधवार को हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला का जन्मदिन भी था और इसी मौके पर उन्हें बधाई देने के लिए कांग्रेस नेता होटल में पहुंच भी रहे थे. इसी बीच मुख्यमंत्री ने भी हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला से मुलाकात की. इन दिनों अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) भी हिमाचल आई हुई हैं. ऐसे में संभावित मंत्रियों की धुकधुकी एक बार फिर बढ़ती हुई नजर आ रही हैं.


इन विधायकों के नाम मंत्री पद की दौड़ में शामिल


दिसंबर 2022 में हिमाचल प्रदेश की जनता ने इतिहास कायम रखते हुए सत्ता परिवर्तन किया. कांग्रेस ने कुल 68 में से 40 सीट पर जीत हासिल कर सरकार बनाई. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सत्ता के शीर्ष पर काबिज हुए. दिसंबर महीने में हुए कैबिनेट गठन में केवल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शपथ ली. शीतकालीन सत्र में कैबिनेट विस्तार नहीं हुआ. इसके बाद बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और सात सदस्यों को मंत्रिमंडल में जगह दी. 


मंत्रिमंडल में खाली पड़े हुए हैं 3 पद


अब मंत्रिमंडल में तीन पद खाली पड़े हुए हैं. इनमें सबसे प्रबल दावेदार राजेश धर्माणी, सुधीर शर्मा, यादविंदर गोमा और राजिंदर राणा है. इसके अलावा जिला कांगड़ा से ही संजय रतन और भवानी पठानिया भी इस दौड़ में शामिल हैं. इसके अलावा अब तक हिमाचल विधानसभा उपाध्यक्ष की तैनाती भी नहीं हुई है. माना जा रहा है कि 18 सितंबर से शुरू हो रहे मानसून सत्र में हिमाचल विधानसभा को उपाध्यक्ष मिल सकता है. संभावित मंत्रियों में सुधीर शर्मा और राजिंदर राणा तो सोशल मीडिया पर इशारों में अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं.


लोकसभा चुनाव में जीत की चुनौती


साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भी आठ महीने से कम का वक्त रह गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मंत्रिमंडल में भारी क्षेत्रीय असंतुलन है. जिला कांगड़ा में सबसे ज्यादा 16 विधानसभा सीट हैं. यहां कांग्रेस न 10 सीटों पर जीत हासिल की है, लेकिन जिला कांगड़ा से केवल चौधरी चंद्र कुमार के रूप में एक ही मंत्री को जगह दी गई है. हालांकि मुख्यमंत्री ने संतुलन रखने के लिए किशोरी लाल और आशीष बुटेल को मुख्य संसदीय सचिव की जिम्मेदारी दी है. बावजूद इसके कांगड़ा की जनता इस क्षेत्रीय असंतुलन और अनदेखी से निराशा है. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. यही वजह है कि कांग्रेस जल्द से जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार कर देना चाह रही है.


कभी भी हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार!


हिमाचल प्रदेश में जब से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ है. तब से ही लगातार मंत्रिमंडल की विस्तार की चर्चा चलती ही रहती हैं. इस बारे में जब भी मुख्यमंत्री सुक्खू से सवाल पूछा गया, तो मुख्यमंत्री ने एक ही बात कही कि मंत्रिमंडल का विस्तार कभी भी हो सकता है. हालांकि जुलाई महीने में जैसे ही बारिश ने तांडव मचाना शुरू किया, विस्तार की चर्चा ठंडे बस्ते में चल गई चली गई. अब चूंकि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, तो एक बार फिर विस्तार की चर्चाएं भी जोर पकड़ती हुई नजर आ रही हैं.