Himachal Assembly Speaker Notice: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने एक बार फिर तीनों निर्दलीय विधायकों को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस सत्तापक्ष के सदस्य जगत सिंह नेगी की ओर से दायर याचिका के बाद जारी किया गया है. तीनों निर्दलीय विधायकों को 4 मई को विधानसभा स्पीकर के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. यह नोटिस नालागढ़ से विधायक कृष्ण लाल ठाकुर, देहरा से विधायक होशियार सिंह और हमीरपुर से विधायक आशीष शर्मा को भेजा गया है.


दरअसल, सत्तापक्ष के सदस्य और राज्य सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के समक्ष एक याचिका दायर की है. इस याचिका में तीनों निर्दलीय विधायकों के खिलाफ शिकायत की गई है. तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को अपने सदस्यता से इस्तीफा दिया, लेकिन इस्तीफा मंजूर होने से पहले ही 23 मार्च को दिल्ली में जाकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. निर्दलीय विधायक किसी भी पार्टी के सदस्यता नहीं ले सकते. यह दल बदल कानून के तहत आता है. ऐसे में सत्तापक्ष के सदस्य जगत सिंह नेगी ने तीनों निर्दलीय विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग उठाई है.


इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ली बीजेपी की सदस्यता 


बता दें कि तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को इस्तीफा दिया. अब तक के इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है. इसी मामले को लेकर तीनों निर्दलीय विधायक हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में भी गए हैं. उच्च न्यायालय में भी इस मामले में सुनवाई चल रही है. मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल की शाम को होनी है.


सदस्यता रद्द करने की उठाई मांग


सत्तापक्ष के सदस्य जगत सिंह नेगी ने कहा कि 22 मार्च को तीनों निर्दलीय विधायक इस्तीफा देने के बाद दिल्ली गए और भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. यह नियमों के खिलाफ है. इस दल बदल कानून का उल्लंघन होता है. जगत सिंह नेगी ने यह भी कहा कि जब तीनों निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा सचिवालय पहुंचकर इस्तीफा दिया, तब उनके साथ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भारतीय जनता पार्टी के अन्य विधायक भी शामिल थे. इसी पूरे मामले को लेकर जगत सिंह नेगी ने विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत सौंपी है. उन्होंने मांग उठाई है कि तीनों निर्दलीय विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी जाए.


Himachal By-Election: हिमाचल उपचुनाव में कांग्रेस से आए नेताओं को टिकट देने के बाद फंसी BJP! नहीं माने रूठे नेता