Himachal News:  विश्व भर में हिमाचल प्रदेश को सेब राज्य के तौर पर स्थापित करने की बड़ी-बड़ी बातें तो होती हैं, लेकिन प्रदेश में जमीनी हकीकत इससे बिलकुल ही अलग है. सरकार प्रति किलो के हिसाब से सेब बेचने के फैसले पर वाहवाही लूट रही है. लेकिन, सेब तो तब बिकेंगे जब वह मंडी तक पहुंचेंगे. प्रदेश के सेब बागवान तो अपनी साल भर की मेहनत को नाले में बहाने के लिए मजबूर हैं. जिस सेब की मांग देश के साथ विदेश में भी देखने को मिलती है, वह सेब मंडी तक पहुंच ही नहीं पा रहा है. जिला शिमला के ऊपरी इलाकों में बीते दिनों हुई बारिश की वजह से सड़कें बंद पड़ी हुई हैं और इसकी वजह से बागवान परेशान हैं.


हर किसी को हैरान कर रही वीडियो 


जिला शिमला के इलाके से एक हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में सेब बागवान अपने साल भर की मेहनत को नाले में बहता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, इलाके को मुख्य सड़क के साथ जोड़ने वाला लिंक रोड बीते करीब 20 दिनों से बंद पड़ा हुआ है. इसकी वजह से सेब बागवान अपनी फसल को मंडियों में पहुंचा ही नहीं पा रहे हैं. लंबे इंतजार के बाद भी जब सड़क नहीं खुली, तो बागवान के सब्र का बांध टूट गया और उसने अपनी सेब की करीब 50 क्रेट पानी में बहा दी. लंबे वक्त से सेब मंडियों तक सेब न पहुंच पाने की वजह से बागवान को यह कदम उठाना पड़ा.



'व्यवस्था परिवर्तन' का शिकार हो गए सेब बागवान!


जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो करीब चार दिन पुराना है. इलाके की सड़क 20 दिन से बंद पड़ी हुई है. पिछले हफ्ते तीन से चार घंटे के लिए सड़क खुली और आवाजाही शुरू हुई. लेकिन, एक बार फिर लैंडस्लाइड होने की वजह से सड़क बंद हो गई है. बार-बार प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद सड़क बहाल नहीं की जा रही है. इसकी वजह से सेब बागवान परेशान हैं. सरकार व्यवस्था पटरी पर लाने के बड़े-बड़े दावे तो कर रही है, लेकिन ग्राउंड जीरो पर बागवान बुरी तरह परेशान हैं. बागवानों को लगातार यह भी डर सता रहा है कि वीडियो वायरल हो जाने की वजह से सरकार अब इस मार्ग को खोलने में और ज्यादा देरी करेगी. साथ ही बागवानों के मन में यह भी सवाल है कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं की तरह कहीं अब वे भी नहीं सरकार की व्यवस्था परिवर्तन का शिकार तो नहीं हो गए.


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