Himachal News: प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग में कथित छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े धन शोधन की जांच के तहत छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है. संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि आवासीय भूखंडों, फ्लैट और 14 बैंक खातों में जमा राशि जब्त की गई. बयान के मुताबिक, जब्ती की यह कार्रवाई पंजाब के मोहाली और हिमाचल प्रदेश के शिमला में की गई.धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत एक आदेश जारी करने के बाद कार्रवाई की गई. 


6.25 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त
बयान में कहा गया कि कुल 6.25 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति राज्य के एएसएएमएस शिक्षा समूह के साझेदार राजदीप सिंह और कृष्ण कुमार की है. आपको बता दें कि ईडी छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआइ शिमला की ओर से दर्ज FIR के आधार पर जांच की जा रही है. ईडी की जांच के दौरान पता चला है कि कृष्ण कुमार और राजदीप सिंह ने मेसर्स एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के माध्यम से फर्जी दस्तावेज पेश किए गए थे और इसी के आधार पर एससी, एसटी और ओबीसी के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक योजना के तहत छात्रवृति मांगी गई थी.


चारों आरोपी न्यायिक हिरासत में
वहीं दावों को उच्च शिक्षा निदेशालय में तैनात अरविंद राजटा ने सत्यापित किया था. 31 अगस्त को कृष्ण कुमार और राजदीप सिंह को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी अरविंद राजटा, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के उपाध्यक्ष हितेश गांधी सहित चारों आरोपी न्यायिक हिरासत में है.


पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
वहीं इससे पहले साल 2022 में कार्रवाई करते हुए 4.42 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की गई थी. अब तक कुर्क की गई संपत्ति की कुल आय 10.67 करोड़ रुपये है. आपको बता दें कि यह पूरा मामला 2013 से 2017 तक प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति के तौर पर विद्यार्थियों को 266.32 करोड़ रुपये दिए गए. 


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