Protest against NPA Closure: व्यवस्था परिवर्तन का नारा लेकर हिमाचल प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस सरकार ने डॉक्टरों का नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस बंद करने का फैसला लिया है. हिमाचल प्रदेश वित्त विभाग की ओर से इस बाबत अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है. यह नियम केवल नव नियुक्त डॉक्टरों पर ही लागू होगा.


इसके विरोध में डॉक्टरों ने आंदोलन करने की तैयारी भी कर ली है. शुरुआती तौर पर डॉक्टर सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे. यदि सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया, तो सरकार के खिलाफ डॉक्टर बड़े आंदोलन से भी कदम पीछे हटाने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं.


सोमवार को पेन डाउन स्ट्राइक पर जाएंगे डॉक्टर


रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन आईजीएमसी ने सरकार के इस फैसले के विरोध में आंदोलन की चेतावनी दी है. एसोसिएशन की ओर से 27 मई यानी आज सभी डॉक्टर काले बैज लगाकर काम करेंगे. काले बैज लगाकर डॉक्टर सरकार के इस फैसले के विरुद्ध अपना रोष जताएंगे. इसके अलावा सभी डॉक्टर सोमवार को सुबह 11 बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक पर रहेंगे.


इस दौरान दूरदराज से आने वाले मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष हरि मोहन शर्मा का कहना है कि सरकार का यह फैसला न केवल डॉक्टरों के विरोध में है बल्कि इससे ज्यादा पर भी असर पड़ेगा. उन्होंने सरकार से नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस को बंद किए जाने के फैसले को वापस लेने की मांग उठाई है.


स्वास्थ्य मंत्री ने वार्ता के लिए बुलाया


हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस बंद किए जाने के फैसले के बाद डॉक्टरों में खासा रोष है. इस बीच हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल्य एसोसिएशन को बात करने के लिए बुलाया है. उन्होंने कहा है कि वे डॉक्टरों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे. स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने मामले का बातचीत से हल निकालने की बात कही है.


क्यों दिया जाता है NPA?


गौरतलब है कि सरकार की ओर से डॉक्टरों को बाहर प्रैक्टिस न करने के लिए बेसिक सैलरी का 20 फीसदी नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस के तौर पर दिया जाता है. पहले यह अलाउंस 30 फ़ीसदी हुआ करता था. समय के साथ पहले से 25 फ़ीसदी और इसके बाद 20 फ़ीसदी किया गया. अब नए डॉक्टरों पर लागू होने वाले नियम के तहत डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस दिया ही नहीं जाएगा. ऐसे में नए डॉक्टरों के बीच इस फैसले को लेकर भारी रोष है.


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