Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की पहचान वीरभूमि के रूप में है. वीरभूमि के युवा अब अग्निवीर बनकर मां भारती की सेवा में जुटेंगे. अग्निवीरों का जत्था ट्रेनिंग के लिए सीएमपी बेंगलुरु और आर्टिलियरी सेंटर नासिक जा रहा रहा है. छह महीने की ट्रेनिंग के बाद अग्निवीर भारतीय सेना में सेवाएं देंगे. अग्निवीर बनने वालों की सूची में हिमाचल प्रदेश की बेटी भी शामिल है. अग्निवीर पल्लवी का संबंध जिला सोलन से है. ट्रक ऑपरेटर की बेटी पल्लवी का बचपन से सेना में जाने का सपना था. अग्निवीर बनकर पल्लवी ने सपना पूरा कर लिया है. पल्लवी कॉलेज के वक्त में एनसीसी कैडेट रही हैं. खेल गतिविधियों में भाग लेते हुए पल्लवी ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई बिलासपुर डिग्री कॉलेज से पूरी की. पल्लवी के परिवार से कोई भी भारतीय सेना में नहीं है. बचपन से सेना में जाने की जिद ने पल्लवी को अग्निवीर बना दिया. 


युवाओं ने अग्निवीर बनने पर जाहिर की खुशी


अग्निवीर विशाल वर्मा और ललित कुमार ने भी भारतीय सेना में भर्ती होने पर खुशी जाहिर की है. उनकी सलाह है कि सेना में सेवा को नौकरी की तरह नहीं देखा जाना चाहिए. उनके मुताबिक चार साल का समय भारतीय सेना को देना कम नहीं होता. सेना के अनुशासन से जिंदगी में में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. अग्निवीर बने युवाओं को उम्मीद है कि चार साल बाद भी भारतीय सेना में सेवाएं देते रहेंगे.


पिछले साल अग्निपथ योजना का हुआ था विरोध


गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सेना में भर्ती के लिए पिछले साल अग्निपथ योजना को लॉच किया था. केंद्र सरकार के फैसले का देशभर में जमकर विरोध हुआ. विपक्ष ने भी अग्निपथ योजना को गलत बताया. अब धीरे-धीरे योजना के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ रहा है. युवा अग्निवीर बनने के लिए जमकर मेहनत कर रहे हैं. इसी का परिणाम है कि हिमाचल प्रदेश के युवा छह महीने की ट्रेनिंग पाकर भारतीय सेना में सेवाएं देंगे.


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