Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार ने फैसला किया है कि आधिकारिक कार्यक्रमों के दौरान गणमान्य लोगों को शॉल, पगड़ी और गुलदस्ता भेंट करके उनका स्वागत करने की परंपरा पर 31 अक्टूबर तक रोक रहेगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा प्राकृतिक आपदा संबंधी चिंताओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इन निर्देशों के अनुसार, 31 अक्टूबर 2023 तक सरकारी समारोहों में कोई औपचारिक सम्मान या स्वागत समारोह नहीं होगा.’’


उन्होंने कहा कि इससे पहले प्रदेश सरकार द्वारा 15 सितंबर तक क्षेत्र के दौरे के दौरान विशिष्ट व्यक्तियों को पारंपरिक रूप से दिए जानें वाले गार्ड ऑप ऑनर को भी सस्पेंड कर दिया गया. सीएम सुक्खू ने कहा कि व्यवस्था में सार्थक और सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबध्द है. सीएम  सुखविंदर सिंह सुक्खू ने "कहा कि ये  फैसला आपदा प्रबंधन के लिए संसाधानों के समुचित इस्तेमाल और प्रशासन में औपचारिकता के बजाय संवेदनशील और प्रभावी कार्य संस्कृति के समावेश को भी रेखांकित करता है."


मॉनसून की बारिश ने भारी तबाही मचाई
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की बारिश ने भारी तबाही मचाई है. प्रदेश में 8600 करोड़ का नुकसान हुआ है और 376 के करीब लोगों की मौत भी गई हैं. इतना ही नहीं 1200 घर भी क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, भूस्खलन से तीन नेशनल हाइवे समेत 709 सड़कें बंद हैं, तो 2,897 ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली गुल है. लोकनिर्माण विभाग के शिमला जोन में सबसे ज्यादा 220 सड़कें बंद हैं. 


इसी तरह मंडी जोन में 213, हमीरपुर जोन में 180, कांगड़ा जोन में 93 सड़कों पर आवागमन ठप है. इसके अलावा बड़ी संख्या में ट्रांसफार्मर भी खराब पड़े हैं. अकेले मंडी जिले में 1,142 ट्रांसफार्मर के ठप पड़ने से कई गांवों और शहरों में बिजली गुल है.


Shimla Landslide: चमत्कार को नमस्कार! तबाही मचाने वाले भूस्खलन से भी भगवान शिव की मूर्ति को नहीं आई खरोंच