हरियाणा के महाधिवक्ता कार्यालय में विधि अधिकारी के पद पर नियुक्त भाजपा सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला का नाम सूची से हटा दिया गया है, क्योंकि उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया. अधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
इस संबंध में जारी नियुक्ति आदेश के अनुसार, विकास बराला की नियुक्ति सरकार द्वारा 100 विधि अधिकारियों की व्यापक भर्ती का हिस्सा थी, जिसे 18 जुलाई को आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया गया था. इसके बाद आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चूंकि विकास ने कार्यभार नहीं संभाला, इसलिए उनका नाम नियुक्तियों की सूची से हटा दिया गया.
विकास के खिलाफ 2017 में युवती का पीछा करने का आरोप
एक युवती का पीछा करने के एक मामले में आरोपी विकास को राष्ट्रीय राजधानी में न्यायिक मंचों पर हरियाणा सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए सहायक महाधिवक्ता नियुक्त किया गया था. इसके साथ ही संपर्क करने पर हरियाणा के महाधिवक्ता प्रविन्द्र सिंह चौहान ने सोमवार को फोन पर कहा, 'विकास ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है.
'चौहान ने फोन पर बताया, 'आमतौर पर एक सप्ताह से दस दिन की समय-सीमा दी जाती है, लेकिन यदि कोई उस समय तक कार्यभार ग्रहण नहीं करता है, तो हम सरकार को इसके बारे में सूचित करते हैं.'
कार्यभार नहीं संभालाने पर नाम नियुक्ति सूची से हटाया- प्रविन्द्र सिंह
जब चौहान से कहा गया कि विधि अधिकारी के रूप में नियुक्त कुछ लोग नेताओं और नौकरशाहों के रिश्तेदार हैं, तो उन्होंने इन भर्तियों के विवरण में जाए बिना कहा, 'जिनकी नियुक्ति हुई है, वे सभी केवल अपने कारण वहां हैं. उनके उपनामों पर मत जाइए.' उन्होंने कहा, 'सभी को एक ही चश्मे से देखना सही नहीं होगा. वे सक्षम वकील हैं और उनका चयन योग्यता के आधार पर किया गया है.'
राज्य सरकार द्वारा विधि अधिकारियों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जनवरी में जारी किया गया था. जून में, सरकार ने 31 जनवरी के विज्ञापन के बाद 100 विधि अधिकारियों की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए हरियाणा विधि अधिकारी (नियुक्ति) अधिनियम, 2016 के तहत एक चयन समिति का गठन किया था, जिसमें 20 अतिरिक्त महाधिवक्ता, 20 वरिष्ठ उप महाधिवक्ता, 30 उप महाधिवक्ता और 30 सहायक महाधिवक्ता शामिल थे.
सुभाष बराला वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं
विकास बराला की नियुक्ति के बाद, युवती का पीछा करने के मामले में शिकायतकर्ता ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि किसी को सार्वजनिक पद पर नियुक्त करना न केवल एक राजनीतिक निर्णय है, बल्कि यह मूल्यों और मानकों का भी प्रतिबिंब है. विकास के खिलाफ एक युवती का पीछा करने के आरोप 2017 में लगे थे. उस समय विकास बराला के पिता सुभाष बराला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हरियाणा इकाई के प्रमुख थे. फिलहाल सुभाष बराला वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं.
इस मामले में शिकायतकर्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की पुत्री वर्णिका कुंडू ने इस घटनाक्रम पर अपनी निराशा व्यक्त की है. इस घटना के समय 29 वर्ष की रहीं कुंडू ने अपनी शिकायत में विकास और उसके दोस्त पर उसका पीछा करने और अपहरण का प्रयास करने का आरोप लगाया था.