अंबाला में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है और रोजमर्रा की जिंदगी में कई परेशानियां पैदा कर दी हैं. आवारा कुत्ते सड़क पर घूमते हैं, वाहन चालकों के पीछे भागते हैं और कई बार सड़क हादसों का कारण बनते हैं.
स्थानीय निवासी बताते हैं कि आवारा कुत्तों की वजह से बच्चों का स्कूल जाना भी मुश्किल हो गया है. लोग अपने बच्चों को अकेला छोड़ने से डरते हैं और स्कूल भेजते समय उन्हें लगातार सावधान रहना पड़ता है कि कहीं कोई आवारा कुत्ता उनके बच्चों पर हमला न कर दे. इसके अलावा, लोग घरों से बाहर निकलते समय भी सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं.
आवारा कुत्तों के आतंक ने लोगों में डर और चिंता का बनाया माहौल
जानकारी के अनुसार, आबादी वाले इलाकों में आवारा कुत्तों के आतंक ने लोगों में डर और चिंता का माहौल बना दिया है. कई लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि वे इस समस्या का स्थायी समाधान निकालें और आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी करें ताकि उनकी संख्या नियंत्रित हो सके.
इस मामले पर नगर परिषद के सैक्रेटरी राजेश कुमार ने बताया कि आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए पहले ही टेंडर जारी किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि टेंडर पटियाला की एक कंपनी को दिया गया है और यह कंपनी लगातार आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी का कार्य कर रही है. उन्होंने यह भी बताया कि अब तक 500 से अधिक कुत्तों की नसबंदी का काम पूरा किया जा चुका है और यह प्रक्रिया निरंतर जारी है.
कुत्तों की समस्या को गंभीरता से ले रही नगर परिषद- राजेश कुमार
राजेश कुमार ने कहा कि नगर परिषद आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीरता से ले रही है और जल्द ही इस समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है. उनका कहना है कि लोगों को भी आवारा कुत्तों को परेशान न करने और उन्हें सुरक्षित तरीके से पकड़ने के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए.
नसबंदी कर आवारा कुत्तों की नियंत्रित की जाएगी संख्या
आबादी वाले इलाकों में यह पहल लोगों के लिए राहत देने वाली साबित हो सकती है. आने वाले समय में नसबंदी और जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने और जनजीवन को सुरक्षित बनाने की कोशिश जारी रहेगी.