सिरसा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डीजीपी ओपी सिंह और हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि उनकी और पार्टी के अन्य नेताओं की सुरक्षा बिना किसी कारण वापस लेना स्पष्ट रूप से राजनीतिक टार्गेटिंग है. दिग्विजय के अनुसार, 7 दिसंबर को जुलाना में हुई जेजेपी की सफल रैली से घबराकर यह फैसला लिया गया है.

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पार्टी के चार नेताओं की वापस ली गई सुरक्षा- दिग्विजय सिंह चौटाला

दिग्विजय ने कहा कि डीजीपी एक सिविल सर्वेंट हैं, लेकिन उनके व्यवहार में तानाशाही झलक रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि रैली की भीड़ देखकर प्रशासन और सरकार दोनों असहज हो गए और घबराहट में यह सुरक्षा वापसी की गई. जेजेपी नेता ने कहा कि पार्टी के चार नेताओं की सुरक्षा वापस ली गई है, जबकि उन सभी को पहले से गंभीर धमकियां मिली थीं. उन्होंने याद दिलाया कि राहुल फाजिलपुरिया के घर पर कुछ समय पहले ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई थीं, लेकिन अब उन्हीं नेताओं की सुरक्षा कम कर दी गई, जो बेहद चिंताजनक है.

अपहरण के मामलों का आंकड़ा 4500 पार पहुंचा- दिग्विजय

दिग्विजय ने हरियाणा की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और हरियाणा इस मामले में देश में चौथे स्थान पर पहुंच गया है. हर साल हजार से ज्यादा हत्याएं हो रही हैं, जबकि अपहरण के मामलों का आंकड़ा 4500 पार कर गया है. उन्होंने कहा कि अफसरशाही और पुलिस पूरी तरह कंट्रोल से बाहर है और यहां तक कि कई जिलों में पुलिस अधीक्षक भी अपराधियों के सामने बेबस नजर आते हैं. इसके लिए उन्होंने सीधे-सीधे हरियाणा सरकार और डीजीपी को जिम्मेदार ठहराया.

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थार और बुलेट चलाने वाले को डीजीपी कह रहे गुंडे- दिग्विजय

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि डीजीपी ओपी सिंह द्वारा थार और बुलेट चलाने संबंधी बयान पर भी कड़ा ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि यदि बुलेट चलाने वाले गुंडे हैं, तो क्या अमित शाह और मनोहर लाल भी, जो कई बार बुलेट चला चुके हैं, गुंडे कहलाएंगे. उन्होंने इसे डीजीपी की छोटी मानसिक सोच बताया. उन्होंने कहा कि वह इस मामले में अपनी लीगल टीम से सलाह करेंगे और आवश्यकता पड़ी तो पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने दोहराया कि उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं है, बल्कि प्रदेश की जनता की सुरक्षा महत्वपूर्ण है, जिसका जवाब डीजीपी को देना चाहिए.

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