चंडीगढ़ पुलिस ने हरियाणा के ADGP वाई पूरण कुमार की आत्महत्या के मामले में किसी के खिलाफ फिलहाल सुसाइड के लिए उकसाने का केस दर्ज नहीं करने का फैसला लिया है. पुलिस अब सिर्फ इंक्वेस्ट प्रोसीडिंग यानी आत्महत्या की वजह और परिस्थितियों की जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है.

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पुलिस को ADGP पूरण के घर से एक लंबा सुसाइड नोट और वसीयत का दस्तावेज मिला है. सुसाइड नोट कई पन्नों का है, जिसमें उन्होंने हरियाणा पुलिस के करीब 10 सीनियर अफसरों के नाम लिखे हैं. बताया जा रहा है कि इनमें ज्यादातर अफसर वही हैं जो अलग-अलग समय में IPS पूरण के बॉस रहे थे.

किसी एक वजह का सीधा जिक्र नहीं

चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट में किसी एक व्यक्ति या एक वजह का सीधा जिक्र नहीं है. इसमें उन्होंने अपने करियर से जुड़े कई मुद्दों जैसे ट्रांसफर-पोस्टिंग, प्रमोशन, एरियर और सिस्टम की प्रक्रिया को लेकर बातें लिखी हैं. सुसाइड नोट भावनात्मक और व्यक्तिगत परेशानियों का जुड़ा है, लेकिन इसमें कोई सीधा आरोप नहीं है जिसे आत्महत्या के लिए उकसाने की श्रेणी में रखा जा सके.

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एक केस का जिक्र भी किया गया

सुसाइड नोट में पूरण ने यह भी लिखा है कि एक केस दर्ज करवाने की कोशिश चल रही है. पुलिस का अनुमान है कि वह केस रोहतक में शराब कारोबारी के बयान पर आईजी ऑफिस के एक कर्मचारी से जुड़ा मामला हो सकता है. जानकारी के मुताबिक, उस केस की FIR 6 अक्टूबर को रोहतक में दर्ज हुई थी, जबकि पूरण ने 7 अक्टूबर की सुबह आत्महत्या की थी.

चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि चूंकि सुसाइड नोट में कई वरिष्ठ पुलिस अफसरों के नाम लिखे गए हैं, इसलिए यह मामला बेहद संवेदनशील है. इसलिए कानूनी और प्रशासनिक स्तर पर इस केस को ऊपर तक एक्सामिन करवाया जा रहा है ताकि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी रहे.

पूरन कुमार की पत्नी अमनीत P कुमार लौटीं

इस बीच, ADGP पूरण कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार, जो जापान दौरे पर थीं, अब चंडीगढ़ लौट आई हैं. हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी खुद उनसे मिलने पहुंचे. माना जा रहा है कि सरकार की ओर से यह एक संवेदनशील पहल है ताकि परिवार को सहयोग और भरोसा दिया जा सके.

क्या है आगे की कार्रवाई

फिलहाल पुलिस वसीयत और सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की जांच करवाएगी, साथ ही फॉरेंसिक टीम रिपोर्ट तैयार कर रही है. पुलिस के मुताबिक, जब तक किसी व्यक्ति की भूमिका स्पष्ट तौर पर सामने नहीं आती, तब तक किसी पर IPC की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत केस दर्ज नहीं किया जाएगा.