क्या हरियाणा के हिसार की रहने वाली ज्योति मल्होत्रा वाकई पाकिस्तान के लिए देश में जासूसी कर रही थी? क्या ज्योति के ट्रैवल व्लॉग को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी रेकी टूल के तौर पर इस्तेमाल कर रही थी? ऐसे कई सवालों का जवाब देश की जांच एजेंसियां ढूंढने की कोशिश कर रही हैं औऱ लोग भी इन सवालों का जवाब जानना चाहते हैं कि क्या ज्योति ISI की स्पाई है? ज्योति देश की चर्चा बनी हुई है.
विदेश घूमने का मकसद क्या था?
उसकी पूरी कहानी एक रहस्य लगती है, मानो किसी कल्पना लोक की बात है. ज्योति की असल जिंदगी और उसकी ट्रैवल व्लॉग के वीडियो के बीच कोई तालमेल ही नहीं लगता. आखिर कैसे ज्योति एक के बाद एक अलग-अलग देशों का दौरा कर रही थी? उसकी फर्स्ट क्लास हवाई यात्राओं का खर्चा कौन दे रहा था और बार-बार पाकिस्तान से लेकर बांग्लादेश और चीन जाने का मकसद क्या था?
हर महीने कितना कमाती थी ज्योति?
33 साल की ज्योति मल्होत्रा 'ट्रैवेल विद जो' नाम का यूट्यूब चैनल चलाती थी. उसे रोजगार का साधन ट्रैवेल ब्लॉग ही था. पिता के मुताबिक, ज्योति की हर महीने की कमाई करीब 25 हजार रुपये प्रति महीने थी. लेकिन सवाल है कि अगर ज्योति हर महीने 25 हजार रुपये ही कमा रही थी तो इतनी देशों की यात्रा के लिए उसके पास पैसे कहां से आए?
ज्योति को ISI ने बनाया मोहरा
इन सवालों के जवाब मिलने बाकी है. जब तक इन सवालों के जवाब नहीं मिलते ज्योति से पूछताछ जारी रहेगी. सूत्रों के मुताबिक, ज्योति के जरिए पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी आईएसआई भारत के खूफिया एजेंट्स की पहचान करना चाहती थी. आईएसआई ने इस काम के लिए ज्योति को मोहरा बनाया.
ISI से लिंक होने के सुराग सामने आए
ज्योति के बारे में अब जो पता चला है उसमें ये खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान दूतावास में वीजा अधिकारी दानिश से उसकी मुलाकात हुई. दानिश ने ही ज्योति को अल हसन से मिलवाया. अल हसन ISI अधिकारी है. सूत्रों के मुताबिक ज्योति के ISI से लिंक होने के सुराग सामने आए हैं.