Professor Ali Khan Mahmudabad: हरियाणा के सोनीपत की यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को जिला न्यायालय ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया. मामले की अगली सुनवाई 27 मई को है. प्रोफेसर अली खान को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था.
हरियाणा पुलिस ने अदालत से प्रोफेसर अली खान की 7 दिन की पुलिस रिमांड मांगी थी. हालांकि कोर्ट ने पुलिस रिमांड न देते हुए प्रोफेसर खान को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. वहीं दूसरी तरफ अशोका यूनियवर्सिटी के प्रोफेसर ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. माना जा रहा है कि बुधवार (21 मई) सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई की जा सकती है.
दरअसल, प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर 'ऑपरेशन सिंदूर' और सेना की महिला अधिकारियों को लेकर की गई विवादित टिप्पणियों के मामलों में दो अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं.प्रोफेसर के खिलाफ पहला मामला गांव जटेड़ी के सरपंच द्वारा दर्ज कराया गया था. इसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196, 197, 152 और 299 के तहत मामला दर्ज किया गया.
दूसरा मामला हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर दर्ज हुआ, जिसमें सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी करने और आयोग के नोटिस की अवहेलना का आरोप है। इस मामले में पुलिस ने बीएनएस की धारा 353, 79, 152 और 169(1) के तहत केस दर्ज किया है. डीसीपी कादियान ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और प्रोफेसर अली से पूछताछ कर अन्य तथ्य जुटाए जा रहे हैं.
वहीं प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के मामले में सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी से सवाल किया है. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर अली खान की गिरफ्तारी दिखाती है कि बीजेपी किसी भी ऐसी राय से कितना डरती है, जो उन्हें पसंद नहीं. वहीं विपक्ष ये भी सवाल उठा रहा है कि कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी करने वाले मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह अभी भी पद पर हैं, जबकि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक विजय शाह को फटकार लगा चुके हैं.