गुरुग्राम के मोहम्मदपुर झारसा सेक्टर-36 में रहने वाले 47 वर्षीय पूजन प्रसाद की अचानक घर वापसी ने परिजनों, पड़ोसियों और पुलिस को हक्का-बक्का कर दिया. दरअसल, दो दिन पहले तक पूरा परिवार मान बैठा था कि पूजन की बेरहमी से हत्या कर दी गई है और उनका शव मिला है. यही नहीं, बेटे ने शव की पहचान की, अंतिम संस्कार कर दिया गया और अस्थियां तक प्रवाहित कर दी गई. लेकिन अगले ही दिन जब पूजन घर लौटे, तो सबका भ्रम टूट गया और मातम से सजी चौखट पर खुशी के आंसू छलक पड़े.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट्स के अनुसार, पूरा घटनाक्रम 28 अगस्त को शुरू हुआ था. जब पुलिस ने पूजन के घर से डेढ़ किलोमीटर दूर एक गोदाम के पास एक सिर कटा शव बरामद किया. शव की हालत बेहद खराब थी और पहचान कर पाना मुश्किल था. इस बीच, पूजन घर नहीं लौटे तो उनके बेटे संदीप कुमार ने 1 सितंबर को थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने संदीप को शव के बारे में बताया और जब उसने सरकारी मोर्चरी में जाकर देखा तो कपड़े और दाहिने पैर पर चोट का निशान देखकर शव को अपने पिता का मान लिया.

अस्थियां विसर्जन करने गए बेटे, इधर घर लौटे पिता  

पिता की हत्या की जानकारी मिलने के बाद घर में कोहराम मच गया. पत्नी लक्ष्मिनिया बेहोश हो गईं. पड़ोसी और रिश्तेदार इकट्ठा हुए और शव का अंतिम संस्कार राम बाग श्मशान घाट पर कर दिया गया. यहां तक कि बेटे अगले दिन अस्थियां विसर्जन के लिए यमुना तक गए, लेकिन रास्ते में उन्हें फोन आया कि उनके मामा ने पूजन को जिंदा गुरुग्राम के खंडसा चौक पर देखा है. कुछ देर में ही पूरा परिवार पूजन को सामने देखकर स्तब्ध रह गया, जिसे वे मृत मान चुके थे.

शराब के नशे में कई दिनों से भटक रहे थे पूजन

पूजन ने बताया कि वह पिछले कई दिनों से शराब के नशे में मजदूर चौकों और निर्माण स्थलों पर भटक रहे थे. इस वजह से वे घर नहीं लौटे और परिवार ने शव को उनका समझ लिया. पत्नी ने कहा, "हालांकि वह मुझे बहुत परेशान करते थे, लेकिन उनकी अचानक मौत ने मुझे तोड़ दिया था. अब जब वह जीवित लौटे हैं तो यह मेरे लिए दूसरी जिंदगी पाने जैसा है."

पूजन समझकर पुलिस ने किसका करवा दिया अंतिम संस्कार? 

घटना से पुलिस भी हैरान है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जिस व्यक्ति का शव मिला और जिसका सिर काट दिया गया, वह कौन था? पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर डीएनए नमूने जांच के लिए सुरक्षित रखे हैं. अधिकारियों का कहना है कि मृतक की पहचान होने के बाद मामले की गुत्थी जल्द सुलझा ली जाएगी.

घटना की जांच में जुटी पुलिस

यह घटना न केवल पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कभी-कभी कपड़ों और निशानों के आधार पर शव की पहचान कर लेना कितनी बड़ी गलती साबित हो सकता है. अब पूरे मोहल्ले में सिर्फ एक ही चर्चा है- अगर पूजन जीवित हैं तो आखिर मारा गया शख्स कौन था और उसकी हत्या किसने की?. इधर, पुलिस ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है.