Jignesh Mevani Case: वडगाम विधायक जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani), 18 अन्य लोगों के साथ, जिन्हें 16 सितंबर को गुजरात में अहमदाबाद मजिस्ट्रेट अदालत (Ahmedabad Magistrate Court) ने छह महीने की कैद की सजा सुनाई थी, ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अहमदाबाद सत्र अदालत (Ahmedabad Sessions Court) का रुख किया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अलकेशकुमार भोजक की अदालत ने 17 और 20 अक्टूबर को 19 व्यक्तियों की पांच अपीलें स्वीकार कीं. अदालत ने अपीलों के अंतिम निपटारे तक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा लगाई गई सजा को निलंबित कर दिया और 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का भी आदेश दिया.


क्या है मामला?
मामला 2016 का है जब दलित नेता मेवाणी, जो गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, और अन्य ने अहमदाबाद में विजय चार रास्ता के पास विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें मांग की गई थी कि गुजरात विश्वविद्यालय के कानून भवन का नाम अंबेडकर भवन के नाम पर रखा जाए. इस संबंध में गुजरात यूनिवर्सिटी पुलिस थाने (Gujarat University Police Station) में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.


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कोर्ट ने ठहराया था दोषी
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पी एन गोस्वामी की अदालत ने गुजरात पुलिस अधिनियम की धारा 110 और 117 (सार्वजनिक रूप से अभद्र व्यवहार करना और अन्य धाराओं में 19 को दोषी ठहराया था और जुर्माना भी लगाया था. इस मामले में कुल 20 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था. विशेष रूप से, मजिस्ट्रेट अदालत ने दोषी ठहराए जाने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए 17 अक्टूबर तक आरोपी के खिलाफ अपील दायर करने के आदेश के संचालन पर रोक लगा दी थी.


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