Vadodara: पिछले सप्ताह रामनवमी के जुलूस पर पथराव करने के बाद वड़ोदरा से भागकर छिप गए लोगों का पता लगाया जाएगा और उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाएगा. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने मंगलवार को ये बात कही. उन्होंने रामनवमी के जुलूस पर पथराव को एक 'बहुत गंभीर' मुद्दा बताया, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस अपराध में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए उतना ही गंभीर है.


जुलूस पर हमला करने के आरोप में 35 से अधिक गिरफ्तारी 


सांघवी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ईद हो या दिवाली, ये त्यौहार समाज में विभाजन पैदा करने के लिए नहीं हैं. शांतिपूर्ण तरीके से गुजर रहे रामनवमी के जुलूसों पर पत्थर फेंकना बेहद गंभीर मामला है और हमने भी इसे गंभीरता से लिया है. यहां आने के बाद, मैंने इस मुद्दे पर अधिकारियों के साथ बैठक की ताकि यह पता लगाया जा सके कि ऐसा क्यों हुआ. हमने सीसीटीवी के साथ-साथ इन घटनाओं के मीडिया फुटेज भी देखे. वडोदरा पुलिस ने कहा है कि उन्होंने 30 मार्च को वडोदरा शहर के फतेहपुरा और कुंभरवाड़ा इलाकों के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाकों में रामनवमी के दो जुलूसों पर पथराव करने में कथित रूप से शामिल महिलाओं सहित 35 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है.


पत्थरबाजी कर भागे लोगों पर होगी सख्त कार्रवाई 


जो लोग शहर छोड़कर भाग गए हैं और पत्थर फेंकने के बाद छिप गए हैं, अंततः उनका पता लगाया जाएगा और उन्हें शहर में लाया जाएगा. हम ऐसे प्रत्येक व्यक्ति को पकड़ेंगे और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. पुलिस के मुताबिक, रामनवमी के दिन कुंभरवाड़ा में भीड़ की ओर से किए गए पथराव में कम से कम दो लोग घायल हो गए. उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय विधायक मनीषा वकील उस जुलूस का हिस्सा थीं, जिस पर कुंभारवाड़ा में हमला किया गया था.


भगवान की मूर्ति बचाने के लिए रथ को खींचना पड़ा था सुरक्षित स्थान पर 


समाचार चैनलों की ओर से प्रसारित इस घटना के कुछ वीडियो में लोगों को पथराव के दौरान आश्रय के लिए भागते देखा जा सकता है, जबकि भगवान राम की मूर्ति ले जा रहे एक रथ को भी पत्थरों से बचाने के लिए भक्तों की ओर से सुरक्षित स्थान पर खींच लिया गया था. कुछ घायलों ने पत्रकारों को बताया कि बदमाशों ने उन पर पास के मकानों की छतों से पत्थर फेंके. उस घटना से कुछ घंटे पहले, फतेहपुरा इलाके में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल की ओर से आयोजित रामनवमी के जुलूस पर पत्थर फेंके गए थे.हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया था कि यह जानते हुए भी कि इन इलाकों में पहले भी इसी तरह की हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं, इस रास्ते से जब हर साल निकाले जाने वाले जुलूस पर हमला होता है तो पुलिस कहीं नजर नहीं आती.


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