Gujrat Lok Sabha Election: गुजरात के सूरत संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी मुकेश दलाल का निर्विरोध निर्वाचित घोषित होने के बाद से वह सुर्खियों में हैं. इसे बीजेपी के लिए गुजरात की पहली जीत बताया जा रहा है. दूसरी तरफ उनके जीत की आधिकारिक घोषणा पर कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे अहमद पटेल की बेटी ने मुमताज पटेल ने निशाना साधा है.


मुमताज का कहना है कि मतदान के कई विकल्पों में एक विकल्प नोटा का भी होता है. उसके अस्तित्व में रहते मुकेश दलाल को नि​र्विरोध निर्वाचित कैसे घोषित किया गया.


मुमताज पटेल ने एक्स पोस्ट में लिखा है, "ईवीएम में नोटा का किस लिए है? वैसे तो होना नहीं चाहिए..., परंतु गुजरात की सूरत लोकसभा से बीजेपी प्रत्याशी को बिना चुनाव कराए ही निर्वाचित घोषित कर दिया गया. चुनाव आयोग ने किस नियम के तहत यह निर्णय लिया? जल्दबाजी किस बात की? अगर दूसरे सभी प्रत्याशी चुनाव से हट भी गए, तब भी Nota का विकल्प तो EVM में मौजूद है, जिस पर मतदाता वोट कर सकता है. चुनाव तो फिर भी होना चाहिए था."


बीएसपी प्रत्याशी ने सबसे अंत में पर्चा लिया वापस


दरअसल, सूरत संसदीय सीट वे कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी का पर्चा सोमवार को रद्द हो गया. कुंभानी की दावेदारी समाप्त होने के बाद सूरत में चुनावी समीकरण बदल गए. एक के बाद एक सभी प्रत्याशियों ने अपना पर्चा वापस ले लिया. बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार प्यारे लाल भारती ने सबसे अंत में अपना पर्चा वापस लिया. 


गुजरात बीजेपी अध्यक्ष के करीबी हैं मुकेश दलाल


गुजरात की राजनीति में मुकेश दलाल को बीजेपी के प्रदेश प्रमुख सीआर पाटिल का करीबी और भरोसमंद माना जाता है. सूरत के इतिहास में निर्विरोध निर्वाचित होने वाले मुकेश दलाल पहले सांसद बने हैं. बता दें कि गुजरात में सात मई 2024 को सभी सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे.