Gujrat Politics: गुजरात में विधानसभा के बजट सत्र (Budget Session 2023) के दौरान बीजेपी नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने पहली बार बोलते हुए बीजेपी (BJP) सरकार को घेरा. उनके सवाल पर विधानसभा स्पीकर शंकर चौधरी (Shankar Chaudhary) ने भी उनकी तारीफ की. साथ ही उन्होंने भी हार्दिक पटेल के सवाल को एक अच्छा सवाल बताया.


हार्दिक पटेल ने भूपेंद्र पटेल सरकार से पूछा था कि क्या वो 75 से 100 साल पुराने विरासत और खराब वित्तीय हालात वाले स्कूलों को अपने विंग के तहत लेने के लिए तैयार थी? दरअसल, सरकार उन स्कूलों की संख्या कम करने का प्रयास कर रही है. जिससे सरकार को कोई लाभ मिलता नहीं दिख रहा है. एक महीने में ऐसा दूसरी बार हुआ जब हार्दिक पटेल ने अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा किया. हार्दिक पटेल ने इससे पहले गुजरात सरकार में कृषि मंत्री राघवजी को पत्र लिखा था. इस पत्र में पटेल ने कृषि मंत्री के सामने किसानों का मुद्दा उठाया था.


अहमदाबाद जिले के वीरमगाम समेत कुछ क्षेत्रों में किसानों द्वारा जो कपास उगाई जाती है. उसके औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) मापदंडों में बदलाव को लेकर ही हार्दिक पटेल ने सवाल उठाया था. साथ ही हार्दिक पटेल ने इसे किसानों का शोषण भी बताया था. बता दें हार्दिक पटेल के पहले किसानों को लेकर भूपेंद्र पटेल सरकार के फैसलों पर दो अन्य बीजेपी विधायकों ने भी सवाल खड़े किए थे. जिस तरह से बीजेपी विधायक अपनी ही पार्टी पर सवाल उठा रहे हैं. उससे सियासी गलियारों में ये कहा जा रहा कि बीजेपी के भीतर कई समूह बन गए  हैं.


वड़ोदरा जिले के सावली से केतन इनामदार ने सरकार पर बड़ौदा डेयरी के संचालन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और पशुपालकों के लिए न्याय मांगा था. वहीं वड़ोदरा जिले के सावली से केतन इनामदार ने सरकार पर बड़ौदा डेयरी के संचालन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. साथ ही उन्होंने सरकार से पशुपालकों के लिए न्याय मांगा था. सरकार का विरोध करने वाले दूसरे विधायक किशोर कनानी ने सरकार को पत्र लिखा था. उन्होंने इसमें शिकायत की थी कि सरकारी योजना के तहत जो छात्र विदेश में पढ़ाई के लिए जाते हैं. उनको लोन देरी से दिया जा रहा है.


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