Gujarat Police Case: गुजरात के कच्छ जिले में एक कंपनी के एक कर्मचारी के अपहरण और जबरन वसूली के संबंध में दो पुलिस अधीक्षक (एसपी) और तीन अन्य वरिष्ठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा रखी थी. रोक हटने के लगभग एक महीने बाद अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने गुरूवार को दो पुलिस अधीक्षकों, तीन उपाधीक्षकों, एक उप-निरीक्षक और इलेक्ट्रोथर्म लिमिटेड के मालिकों समेत अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.


क्या है पूरा मामला?
सीआईडी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, कच्छ जिले के गांधीधाम के निवासी परमानद सीरवानी ने दिसंबर 2015 में अपहरण और जबरन वसूली के लिए कंपनी के दो मालिकों और 11 अन्य के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. विज्ञप्ति में कहा गया है कि शिकायतकर्ता और उसकी पत्नी ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए 6 दिसंबर 2015 और 4 फरवरी 2016 के बीच संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया था. हालांकि, जब कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो उन्होंने प्राथमिकी का निर्देश देने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया. उच्च न्यायालय ने 10 अक्टूबर, 2019 के अपने आदेश में अधिकारियों को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया, लेकिन आरोपी को उच्चतम न्यायालय से राहत मिल गई.


16 जनवरी को क्या हुआ था?
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस साल 16 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने रोक हटा ली थी. जांच एजेंसी ने विज्ञप्ति में आरोपी पुलिस अधिकारियों की भूमिका का खुलासा नहीं किया और कहा कि इससे जांच प्रभावित होगी. विज्ञप्ति में कहा गया है कि कच्छ (पूर्व) के पूर्व एसपी जीवी बारोट व भावना पटेल, डीएसपी आरडी देसाई, डीएस वाघेला व वीजे गढ़वी और उपनिरीक्षक एनके चौहान को प्राथमिकी में नामजद किया गया है.


ये भी पढ़ें: African Swine Flu: गुजरात में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की एंट्री, मसावद गांव में 100 सूअरों की मौत, मचा हड़कंप