Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात में विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections) को लेकर सियासत तेज है. सभी पार्टियां यहां जीत हासिल करने के लिए जमकर जोर लगा रही हैं. चुनाव से पहले पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला के सुर एक बार फिर कांग्रेस के समर्थन में दिखाई पड़ रहे हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान यह दावा किया कि इस बार चुनाव में बीजेपी का हारना तय है क्योंकि 27 सालों तक एक ही पार्टी का सत्ता में रहना मुश्किल है. उन्होंने बीजेपी पर धर्म की राजनीति करने और हिंदू-मुस्लिम को लड़ाने का भी आरोप लगाया.


इतना ही नहीं उन्होंने पीएम मोदी को घेरते हुए गोधरा कांड, पुलवामा, स्ट्राइक को हिंदू धर्म को खुश करने की राजनीति बताया. बीजेपी जीतने के लिए हिंदू कार्ड खेलती रही है लेकिन, अब जनता को उनकी असलियत के बारे में पता लग गया है कि इन्हें धर्म से कोई मतलब नहीं है अपना उल्लू सीधा करने के लिए और पार्टी को वोट मिले इसलिए यह सब किया जाता है. उन्होंने कहा कि आज लोग देश के हालातों से परेशान हो गए हैं. चाहे अर्थव्यवस्था हो, कानून व्यवस्था हो, बेरोजगारी हो या गरीबी हो. इसके बाद लोग बीजेपी को वोट कहां तक देंगे. 


'बीजेपी से त्रस्त है गुजरात की जनता' 


वाघेला ने कहा कि आज आम जनता परेशान है. इसलिए अब बीजेपी का हारना तय है. यही कारण है कि वह गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की बहुमत नहीं देखते हैं. चाहे बीजेपी के अलावा कोई भी पार्टी हो लेकिन गुजरात की जनता ने तय किया है कि इस बार बीजेपी नहीं. बीजेपी के वादे और बातें सुनकर लोग त्रस्त हो चुके हैं. इनकी बातों में सच्चाई नहीं है. लीडर की लोकप्रियता मायने नहीं रखती. पार्टी की लोकप्रियता मायने रखती है. 


'अगली पीड़ी के भले के लिए बीजेपी को निकालना जरूरी'


वाघेला ने यहां तक कहा कि वह चाहे कांग्रेस में हो या न हों लेकिन, बीजेपी को रोकने की जरूरत है. कांग्रेस या उनके लिए नहीं बल्कि गुजरात की अगली पीड़ी के लिए. गुजरात की जनता को आने वाली पीड़ी के लिए कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य को बचाना है तो इसका यही रास्ता है कि बीजेपी को निकालना पड़ेगा. कोई भी ऐसा गुजराती नहीं है जो इस वक्त परेशान न हो. कोरोना में सरकार की बेवकूफी के कारण हजारों-लाखों लोगों की मौत हो गई. 


'पीएम मोदी से 25 साल में पांच बार हुई बात'


जब वाघेला से पूछा गया कि उनकी प्रधानमंत्री से कितनी बार बात हुई तो उन्होंने कहा कि 1995 से 27 साल हो गए. 25 साल में पांच बार बात हुई है. इसमें भी केवल हमारी सेहत को लेकर बातचीत हुई है. राजनीतिक बातचीत नहीं हुई. हमें पता है कि ये देश के साथ धोखा है. झूठ, झूठ, झूठ बिना झूठ कुछ नहीं चीटिंग चीटिंग चीटिंग और गप्प, गप्प, गप्प. इसके अलावा कुछ है ही नहीं. उन्होंने जनता से अपील की है कि बीजेपी को इस बार नहीं जीतने दीजिए. उन्होंने कहा कि यहां केवल दो दलों की बीच चुनाव है. एक कांग्रेस और एक बीजेपी. उन्होंने त्रिकोणीय मुकाबले को भी पूरी तरह से नकार दिया. 


ये भी पढ़ें: 


Gujarat Assembly Elections 2022 : गुजरात में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका, इसुदान गढ़वी को CM फेस बनाने पर नाराज इस बड़े नेता ने छोड़ी पार्टी