Gujarat News: गुजरात में कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी पर 27 हजार करोड़ रुपये के भूमि घोटाले का आरोप लगाया. कांग्रेस ने दावा किया कि रुपाणी ने सूरत में, सरकार की शहरी विकास योजना के तहत निकाय सुविधाओं के लिए आरक्षित भूमि का एक बड़ा हिस्सा बिल्डरों को दे दिया.


BJP ने आरोपों को “आधारहीन” बताया 


राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इन आरोपों को “आधारहीन” बताया. पार्टी ने कहा कि 2035 के लिए सूरत शहरी विकास प्राधिकरण (एसयूडीए) योजना को मंजूरी देने के दौरान कानूनी प्रावधानों और लोगों द्वारा दिए गए ज्ञापनों का ध्यान रखा गया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोडवाडिया ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री रुपाणी, जो तत्कालीन शहरी विकास मंत्री भी थे, ने एसयूडीए की योजना में बदलाव कर निकाय सुविधाओं के लिए आरक्षित भूमि की राशि कम कर दी थी. एसयूडीए की विकास योजना-2035 एक सलाहकार समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई थी और उसे सरकार की मंजूरी के लिए सौंपा गया था.


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90 लाख वर्ग मीटर जमीन बिल्डरों को वापस दे दी गई


मोडवाडिया ने दावा किया कि रुपाणी ने 12 नवंबर 2019 को नोट पर हस्ताक्षर किये थे और 2035 के लिए एसयूडीए द्वारा बनाई गई विकास योजना के तहत सार्वजनिक कार्य के लिए आरक्षित करने के वास्ते प्रस्तावित 1.66 करोड़ वर्ग मीटर भूमि में से केवल 75.35 लाख वर्ग मीटर जमीन को आरक्षित करने का ही निर्देश दिया. कांग्रेस नेता ने कहा कि लगभग 90 लाख वर्ग मीटर जमीन बिल्डरों को वापस दे दी गई जिसका मूल्य लगभग 27 हजार करोड़ रुपये था.


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