गुजरात में कांग्रेस ने संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए अमित चावड़ा को एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. मंगलवार (22 जुलाई) को उन्होंने अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालते हुए ऐलान किया कि पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर करेगी.

अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चावड़ा ने कहा कि पार्टी जनसंपर्क अभियान चलाकर जनता के बीच जाएगी और उनकी समस्याओं को उजागर करेगी. उन्होंने बीजेपी शासन को जनविरोधी और भ्रष्ट करार दिया और कहा कि यह शासन ब्रिटिश राज से भी ज्यादा दमनकारी हो गया है.

कांग्रेस पार्टी ने उठाए अहम मुद्दे

अमित चावड़ा ने कहा कि बीजेपी सरकार में जनता भ्रष्टाचार, अवैध खनन, खराब सड़कों, महंगी शिक्षा और ठेका प्रथा जैसी समस्याओं से जूझ रही है. उन्होंने युवाओं की समस्याएं उठाते हुए कहा कि फिक्स पे सिस्टम और कॉन्ट्रैक्ट भर्ती से उन्हें स्थायीत्व नहीं मिल रहा है.

कांग्रेस ने ठेका व्यवस्था खत्म कर युवाओं को स्थायी सरकारी नौकरी देने का संकल्प लिया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार केवल प्रचार में व्यस्त है, जबकि महिलाएं, किसान और नौजवान परेशान हैं.

तुषार चौधरी बने विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल का नेता

अमित चावड़ा इससे पहले 2018 से 2021 तक भी गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं. पीटीआई के अनुसार, इस बार उन्हें शक्ति सिंह गोहिल के अचानक इस्तीफे के बाद 17 जुलाई को फिर से नियुक्त किया गया. वहीं चावड़ा की जगह वरिष्ठ विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री तुषार चौधरी को विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया गया है. कांग्रेस अब संगठन को मजबूत कर बूथ स्तर तक तैयारी कर रही है ताकि 2027 में बीजेपी को हराया जा सके.

ओबीसी नेता के तौर पर अहम भूमिका

अमित चावड़ा, आनंद जिले की अंकलाव सीट से 5 बार के विधायक हैं और राज्य में कांग्रेस के प्रमुख ओबीसी चेहरा माने जाते हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस सिर्फ 16 सीटें ही जीत पाई थी, चावड़ा उनमें से एक थे. उन्होंने कहा कि पार्टी सड़क से लेकर विधानसभा तक बीजेपी की नीतियों के खिलाफ संघर्ष करेगी और लोगों को साथ लेकर 2027 में परिवर्तन लाएगी.