Delhi News: दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की पावर को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच एक बार फिर सियासी लड़ाई चरम पर पहुंच गया है. साथ ही कानूनी जंग की गति भी तेज हो गई है. इसकी शुरुआत उस समय हुई जब केंद्र सरकार ने एक दिन पर पहले दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर एक अध्यादेश जारी कर दिया. केंद्र के इस रुख पर केजरीवाल सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केंद्र पर खुलकर हमला बोल है.

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दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि केंद्र ने अध्यादेश लाकर संविधान और सुप्रीम कोर्ट से छल किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है. देश से ऐसा छल कभी नहीं हुआ, जैसा कि अब हो रहा है. ऐसा कर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पटलने का काम किया है. 

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2 दिन के अंदर पलट दिया फैसला

वहीं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा संजय सिंह केंद्र के अध्यादेश पर अपनी ​पहली प्रतिक्रिया में कहा कि केंद्र की सरकार एक एक तानाशाह की सरकार है. वो न तो लोकतंत्र मानते हैं, न ही किसी संविधान को मानते हैं. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर जो फैसला दिया उसे दो दिन के अंदर मोदी सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए पलट दिया. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ है. 

संविधान का गला घोटने की कोशिश

उन्होंने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार से इतना क्यों डरते हैं? उनको सीएम केजरीवाल का इतना भय क्यों सता रहा है कि वो उनकी सरकार नहीं चलने दे रहे, जिसे दिल्ली के दो करोड़ लोगों चुना है. दिल्ली के लोगों ने 90 प्रतिशत से ज्यादा सीटें देकर आप सरकार को चुना है. ऐसी सरकार को बीजेपी और केंद्र की सरकार चलने नहीं देना चाह रही है. संजय सिंह ने कहा कि पूरा देश इसे देख रहा है कि किस तरह से पीएम और बीजेपी संविधान का गला घेटाने की कोशिश कर है. वक्त आने पर देश के लोग इस तानाशाही के खिलाफ जरूर खडें होंगे. साथ ही उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि सुप्रीम कोर्ट इसका संज्ञान जरूर लेगी. 

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