Delhi News: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी दिल्ली सरकार और एलजी के बीच टकराव जारी है. एलजी के पत्र के जवाब में अब सीएम केजरीवाल ने भी एलजी को पत्र लिखा है और उनके द्वारा कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज पर लगाए गए आरोपों को नकार दिया है. सीएम ने एलजी को लिखे पत्र में कहा, 'आपका आज लिखा हुआ पत्र मिला, पत्र की भाषा और उसमें उठाए गए मुद्दों को पढ़कर में स्तब्ध हूं."


सीएम केजरीवाल ने लिखा, "पत्र की भाषा तू-तू मैं-मैं की है और पत्र का सार है - "उस दिन तूने मुझे ये क्यों कहा, मैंने तुझे ये क्यों कहा." सर, दिल्ली के लोग कई वर्षों से न्याय की राह देख रहे थे. कई वर्षों के लम्बे संघर्ष के बाद दिल्लीवालों को माननीय सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला है. लोगों ने आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत देकर जिताया है. हमसे दिल्लीवालों को बहुत उम्मीद हैं. हमें बहुत काम करने हैं सर. दिल्ली को दुनिया का नंबर वन शहर बनाना है और हम बनाकर दिखायेंगे.




सौरभ भारद्वाज पर लगाए आरोपों को नकारा
केजरीवाल ने अपने लेटर में आगे लिखा- आपने अपने पत्र में लिखा है कि सौरभ ने ऐसा कहा, वैसा कहा. वैसे तो मैं ये मान ही नहीं सकता. सौरभ इतना शांत और सौम्य स्वभाव का व्यक्ति है लेकिन अगर उसने किसी को कुछ कहा भी तो वो आपका छोटा भाई है. उसे बुलाकर डांट लीजिए. क्या एक उप-राज्यपाल और एक मुख्यमन्त्री के बीच ये बातें पत्राचार का विषय होनी चाहिए? हमें अभी दिल्ली में बहुत ज्यादा काम करने हैं. उसके लिए मैं आपके आशीर्वाद और सहयोग की कामना करता हूं.


LG ने केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर लगाए थे ये आरोप


दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि सेवा के मामलों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ‘‘असंवैधानिक कृत्य करने के साथ ही नियमों एवं प्रक्रियाओं की अवहेलना’’ कर रही है. उपराज्यपाल ने लिखा कि पिछले एक सप्ताह के दौरान दिल्ली में ‘‘शासन का एक उदासीन रवैया’’ उभरा जहां ‘‘संगठित, संरचित और विशेषज्ञ प्रशासनिक तंत्र’’ फिर से नेताओं के ‘‘अहंकार का खामियाजा’’ भुगत रहा है.


केजरीवाल को लिखे पत्र में सक्सेना ने कहा, ‘‘मैं इस बात को आपके संज्ञान में लाने के लिए पत्र लिख रहा हूं कि आपकी सरकार और इसके मंत्रियों, खासकर (सेवा) मंत्री सौरभ भारद्वाज, द्वारा असंवैधानिक कृत्य करने, डराने-धमकाने और नियमों व प्रक्रियाओं की अवहेलना की जा रही है. उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा 11 मई 2023 को दिए गए फैसले के बाद से ऐसा किया जा रहा है.’’ सक्सेना ने ‘‘शासन की अराजक शैली’’ का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उन्हें ट्विटर और मीडिया के माध्यम से फैसलों से अवगत कराया जा रहा है.


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