Delhi News: माघ माह के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाया जाता है. इसे सकट चौथ के नाम से भी जाना जाता है. सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी प्रकार के संकट और बुरे कार्यों के असर का नाश होता है. जिंदगी की बाधाएं समाप्त होने लगती हैं.  जो दंपत्ति संतान सुख अभी तक वंचित हैं, अगर वो सकट चतुर्थी के दिन चंद्रमा को नेक नीयत से अर्घ दें और पूजन करें तो उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, चतुर्थी के दिन चंद्रमा की पूजा करने से धन और कर्ज संबंधी समस्याएं भी समाप्त होती हैं. संतान प्राप्ति के लिए पूजा के बाद दंपत्ति अगर गरीबों को दान करें तो उसका लाभ मिलता है. 


साल 2024 सकट चतुर्थी 29 जनवरी को मनाया जाएगा. 29 जनवरी यानी मंगलवार की सुबह 6 बजकर 10 से चतुर्थी की तिथि प्रारंभ हुई है और 30 जनवरी सुबह 8 बजर 55 मिनट पर इसका समापन होगा. 29 जनवरी को ही संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी. इस मौके पर लोगों को भगवान गणेश की पूजा अर्चना करनी चाहिए. निर्जल, निराहार व्रत रखना चाहिए. शाम की पूजा करने के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए. सकट चतुर्थी के पूरे दिन उपासना करने के बाद शाम को जब चंद्रोदय हो जाए तब पहले चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए. उसके बाद भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए.


गणेश को गुड और तिल से बना हुआ मोदक पसंद


संकट चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी को मोदक चढ़ाना अच्छा माना जाता है. मंगलकर्ता भगवान गणेश को गुड और तिल से बना हुआ मोदक पसंद है. ऐसे में दोनों बना मोदक चढ़ने पर लाभ मिलता है. सकट चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की व्रत कथा भी सुनना चााहिए. भगवान गणेश की पूजा के उपरांत व्रत रखने वाले सभी लोगों को चाहिए कि वो चंद्रमा की पूजा करें और चंद्रमा को जल जरूर अर्पण करें. इसके अतिरिक्त, चंद्रमा को फूल और चंदन चढ़ाएं. तथा पूजा की समाप्ति के बाद गरीबों में दान दें. 


ये है चंद्रोदय का समय


सकट चतुथी के दिन चंद्रोदय का समय दिल्ली में नो बजकर 10 मिनट पर है. जयपुर में नौ बजकर 17 मिनट, लखनऊ में आठ बजकर 57 मिनट, पटना में आठ बजकर 39 मिनट है. 


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