1984 Anti Sikh Riot Case: 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दिल्ली की एक अदालत से दोषी ठहराया गया है. इसे लेकर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (DSGMC) के महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कोर्ट और केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि 40 साल पहले सिखों के साथ जो जुल्म हुआ था, उसमें अब इंसाफ की झलक नजर आ रही है.
डीएसजीएमसी के महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने कहा, ''40 साल पहले सरेआम सिखों के कत्लेआम का नेतृत्व करने वाले सज्जन कुमार को दोषी ठहराया गया है और उन्हें सजा दी जाएगी. सिखों के जख्म पर मरहम लगाने का काम जो होगा, इसके लिए मैं जज साहब का और कोर्ट का धन्यवाद करता हूं.''
बंद मामलों की दोबारा जांच का नतीजा- जगदीप सिंह उन्होंने आगे कहा, ''मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जी का धन्यवाद करता हूं. कांग्रेस की सरकार जाने के बाद बीजेपी की सरकार आई और पीएम मोदी ने एसआईटी बनाई और ये जो केस थे, जिसे क्लोज कर दिया गया था, उसके ऊपर दोबारा जांच हुई और उसी का नतीजा है कि सज्जन कुमार को दोषी ठहराया गया. इसी तरीके से जगदीश टाइटलर के खिलाफ भी चार्ज फ्रेम हुए और ट्रायल चल रहा है. मैं समझता हूं कि उस केस में भी हमें जरूर इंसाफ मिलेगा.''
सज्जन कुमार 2 लोगों की हत्या के लिए दोषी करार
1984 सिख विरोधी दंगा मामले में दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार (12 फरवरी) को सज्जन कुमार को सरस्वती विहार इलाके में दो लोगों की हत्या के लिए दोषी करार दिया है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने दोषसिद्धि का आदेश पारित किया और सजा पर बहस की तारीख 18 फरवरी तय की. सजा सुनाए जाने के लिए सज्जन कुमार को तिहाड़ जेल से कोर्ट में पेश किया गया.
साल 2021 में हुए थे आरोप तय
ये मामला 1 नवंबर 1984 को जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से जुड़ा हुआ है. पंजाबी बाग थाने ने शुरू में केस दर्ज किया था, लेकिन बाद में एक एसआईटी ने जांच का जिम्मा संभाला था. इस मामले में 16 दिसंबर, 2021 को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय किए थे और उनके खिलाफ 'प्रथम दृष्टया' मामला सही पाया था.
ये भी पढ़ें:
'यह बीजेपी का पुराना पैटर्न रहा है कि...', अमानतुल्लाह के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर AAP का अटैक