Republic Day: दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में देश के अलग-अलग राज्यों की झांकी को शामिल किया जाता है. इस परेड में आने वाले गणतंत्र दिवस पर दिल्ली और पंजाब की झांकियां लोगों को देखने के लिए नहीं मिलेंगी. क्योंकि, केंद्र सरकार ने उनकी झांकियों को मंजूरी नहीं दी है. यह लगातार तीसरा साल है, जब गणतंत्र दिवस की परेड में दिल्ली की झांकी को शामिल नहीं किया जा रहा है. वहीं लगातार दूसरी बार पंजाब की झांकी को नहीं चुना गया है. इस कारण आम आदमी पार्टी के नेताओं ने केंद्र और बीजेपी सरकार के खिलाफ नाराजगी भी जाहिर की है.


गणतंत्र दिवस परेड में अपने राज्य की झांकियों को शामिल करावने के लिए संबंधित राज्य की तरफ से केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा जाता है. केंद्र की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद ही परेड में झांकियों को शामिल किया जा सकता है. दिल्ली सरकार की तरफ से भी झांकी से संबंधित प्रस्ताव केंद की रक्षा मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमिटी को को भेजा गया था, जो दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य के मॉडल पर आधारित था, लेकिन केंद्र सरकार ने उनकी झांकी को स्वीकृति नहीं दी.


आखिरी बार 2021 में शामिल हुई थी दिल्ली की झांकी


दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति और भाषा विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली की झांकी को नामंजूर किये जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि, यह लगातार तीसरा गणतंत्र दिवस होगा, जब दिल्ली की झांकी देश के मुख्य समारोह का हिस्सा नहीं होगी. आखिरी बार 2021 में दिल्ली की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुई थी. उस साल चांदनी चौक में किए गए री-डिवेलपमेंट की थीम पर आधारित झांकी निकाली गई थी.


दिल्ली के विकास की तस्वीर पेश करने वाली थी झांकी


सूत्रों के मुताबिक, इस साल ‘विकसित भारत’ की थीम के तहत दिल्ली सरकार की तरफ से जिस झांकी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, उसमें दिल्ली के विकास की नई तस्वीर पेश करने का विचार प्रस्तुत किया गया था. झांकी में दिल्ली को नई पहचान दिलाने वाले नए सरकारी स्कूलों, अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों के मॉडल को दर्शाया जाने वाला था, लेकिन केंद्र सरकार की स्क्रीनिंग कमिटी को यह थीम पसंद नहीं आयी और इसीलिए उन्होंने दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया.


लगातार दूसरे साल नहीं दिखेगी पंजाब की झांकी


दिल्ली के साथ ही पंजाब की भी झांकी को भी इस बार के परेड में जगह नहीं मिली. इसे लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर विपक्षी पार्टियों की सरकारों के साथ इस मामले में भेदभाव करने का आरोप भी लगाया है. मान ने कहा कि इस साल भी झांकी के लिए चुने गए राज्यों में से 90 प्रतिशत से अधिक बीजेपी के शासन वाले राज्य हैं. पंजाब और दिल्ली दोनों की झांकी को नहीं चुना गया है. उन्होंने कहा कि बुधवार को उन्हें केंद्र की तरफ से एक चिट्ठी मिली, जिससे उन्हें पंजाब की झांकी को परेड में शामिल नहीं किए जाने का पता चला. उन्होंने कहा कि उन्हें उन राज्यों की लिस्ट के बारे में बताया गया, जिनकी झांकी चुनी गई और उसमें पंजाब और दिल्ली का नाम नहीं था.


पंजाब बीजेपी अध्यक्ष ने लगाया ये आरोप


गणतंत्र दिवस परेड 2024 में पंजाब की झांकी को शामिल नहीं किए जाने पर सीएम भगवंत मान की प्रतिक्रिया पर पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि झांकी को खारिज करने का कारण झांकी के अंदर अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की तस्वीरें हैं. वे झांकी पर अपने चित्र या मूर्तियाँ स्थापित करना चाहते थे, जिसे केंद्र सरकार की औपचारिक इकाई ने अस्वीकार कर दिया, जो सभी प्रक्रियाओं की देखभाल करती है. गणतंत्र दिवस परेड आत्म-समर्थन या विज्ञापन का मंच नहीं है.


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