Noida Twin Tower Demolition: सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसायटी (Supertech Emerald Court Society) के आरडब्ल्यूए (RWA) ने साल 2009 से ट्विन टावर के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बिल्डर से आरडब्ल्यूए की कानूनी लड़ाई में ट्विन टावर को गिराने का फैसला सुनाया था. इधर एक ओर जहां ट्विन टावर को तो गिरा दिया गया है. लेकिन इसके बाद अब ट्विन टावर की जमीन पर क्या बनाया जाए? इसको लेकर आरडब्ल्यूए ने नया ऐलान किया है.


आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष उदय भान सिंह तेवतिया ने बताया कि आरडब्लूए और सोसायटी के निवासी फिलहाल खाली हुई जमीन पर बिल्डर को निर्माण करने की सहमति नहीं देंगे. इस मामले में नोएडा अथॉरिटी के अनुसार फिलहाल ट्विन टावर की जमीन का मालिकाना हक बिल्डर का ही है. यह जमीन अभी बिल्डर ने सोसायटी को नहीं सौंपी है. जब तक बिल्डर यह जमीन सोसायटी को नहीं सौंपती है, तब तक यह जमीन कानूनी तौर पर बिल्डर की ही है.


ट्विन टावर की जमीन पर मंदिर भी चाहते हैं लोग


हालांकि, बिल्डर को भी अगर कोई निर्माण करवाना है तो इसके लिए उसे पूरी सोसायटी के दो तिहाई निवासियों से इजाजत लेनी होगी. वहीं ट्विन टावर के क्षेत्रफल कि बात करें तो यह कुल 7500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बना हुआ था और इस पर आने वाले वक्त में क्या बनाया जाएगा. इसे लेकर अभी चर्चा जारी है. तमाम चर्चाओं के बीच आरडब्ल्यूए अध्यक्ष ने बताया कि उन लोगों ने बिल्डर के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है और अब वो लोग चाहते हैं कि टावर की जमीन पर पार्क, बच्चों के खेलने के लिए स्पेस और मंदिर बनाया जाए.


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ट्विन टावर के गिरने से सोसायटी को नहीं हुआ कोई बड़ा नुकसान


उन्होंने कहा कि इसके लिए अभी सोसायटी में रहने वाले लोगों की सहमति ली जाएगी, जिसके बाद ही कोई फैसला किया जाएगा. वहीं ट्विन टावर गिराए जाने के बाद हुए नुकसान को लेकर उन्होंने बताया कि टावर गिरने से सोसायटी में कोई भी बड़ी समस्या नहीं हुई है. कुछ घरों के खिड़की और कांच टूट गए हैं, लेकिन यह समस्या काफी छोटी है. ब्लास्ट के बाद से ही लोग अपने घरों को वापस लौट आए हैं. नोएडा अथॉरिटी ने भी सोसायटी की छत और अंदर सफाई करवा दी है.


'ट्विन टावर के निर्माण में नोएडा अथॉरिटी का भी रहा बड़ा योगदान'


आरडब्ल्यूए नोएडा अथॉरिटी के ब्लास्ट की तैयारियों और उसके बाद किए गए काम से संतुष्ट है. वहीं उदय भान तेवतिया बताते हैं कि ट्विन टावर के निर्माण में नोएडा अथॉरिटी का भी बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने बताया कि सोसायटी के लोगों ने सबसे पहले इस मुद्दे को अथॉरिटी के सामने रखा था, लेकिन अथॉरिटी में उनकी बात को नहीं सुना गया. इसके बाद यह मुद्दा हाईकोर्ट तक लेकर जाया गया.


भ्रष्टाचार में नोएडा अथॉरिटी के 24 अधिकारी भी शामिल: उदय भान तेवतिया


उदय भान तेवतिया ने कहा कि इस दौरान भी ट्विन टावर के निर्माण पर रोक नहीं लगी और देखते ही देखते टावर को 32 मंजिल तक बना दिया गया. उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार में नोएडा अथॉरिटी के फिलहाल 24 अधिकारी भी शामिल हैं. हालांकि, ट्विन टावर को गिराया जा चुका है, लेकिन अधिकारियों पर कार्रवाई सिर्फ कागजी रही है.


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