Murti Visarjan In Yamuna River Is Strictly Prohibited: नवरात्रि खत्म होते ही मूर्ति विसर्जन शुरू हो जाता है. इसके लिए लोग घाटों का रुख करते हैं. राजधानी दिल्ली में भी विसर्जन के लिए स्थान तय किए गए हैं. इतना ही नहीं इन तय स्थानों पर मूर्ति विसर्जन न करके कहीं और यानी यमुना (Yamuna) में मूर्ति विसर्जन करने पर भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है. इसके साथ ही 6 साल की सजा भी हो सकती है. इस बार सरकार (Delhi Government) मूर्ति विसर्जन को लेकर सख्त है और इसके लिए बनें कृत्रिम घाटों पर ही मूर्ति विसर्जित की जा सकती हैं, कहीं और नहीं.


प्रदूषण रोकने को उठाया गया कदम –
यमुना नदी में प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) द्वारा ये कदम उठाया गया है. डीपीसीसी ने इस बाबत आदेश जारी किया है. यमुना नदी की जगह संबंधित सोसायटी और निगम एजेंसियों द्वारा बनाए गए कृत्रिम घाटों पर मूर्ति का विसर्जन होगा. एजेंसियां और संबंधित सोसायटी अपने-अपने क्षेत्रों के लिए आर्टिफीशियल घाट तैयार करेंगी जहां मूर्ति विर्सजित की जाएंगी. विधायक सौरभ भारद्वाज ने बताया है कि मां दुर्गा की प्रतिमा का कृत्रिम तालाबों में ही विसर्जन सुनिश्चित करने के प्रशासन को निर्देश दिए हैं. यमुना नदी की सफाई और मां दुर्गा के भक्तों को उनके धार्मिक दायित्वों को पूरा करने में कृत्रिम तालाब मदद करेंगे. उन्होंने बताया कि यमुना नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली जल बोर्ड द्वारा ये कृत्रिम घाट बनाए गए हैं. 


यमुना पर होगी स्वंयसेवकों की तैनाती –
केवल कृत्रिम घाट पर मूर्ति विसर्जन का इंतजाम ही नहीं होगा. साथ ही ये भी देखा जाएगा कि यमुना नदी में कोई गलती से भी मूर्ति विर्सजित न कर दे. इसके लिए नेशनल क्लीन गंगा के स्वंयसेवकों को तैनात किया जाएगा. अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसे बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. यमुना को प्रदूषित करने के लिए ऐसे लोगों पर पचास हजार रुपए जुर्माना हो सकता है साथ ही उन्हें 6 साल तक की जेल भी हो सकती है.


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