कोरोना ने जिस प्रकार स्टूडेंट्स की पढ़ाई को प्रभावित किया है वैसा आज तक नहीं हुआ. परीक्षा के तरीके से लेकर पास करने के तरीके तक सब बदल गया. मुसीबत ये है कि अब भी चीजों में बहुत फर्क नहीं आ रहा है. इसी क्रम में फिर से कोरोना ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. ऐसे माहौल में स्टूडेंट्स की चुनौतियों को देखते हुए एनसीईआरटी ने उन्हें राहत पहुंचाने वाला फैसला किया है. एनसीईआरटी स्टूडेंट्स के लिए किताबों को हल्का करेगी. इस काम के लिए एक्सपर्ट्स नियुक्त कर दिए गए हैं और वे जल्दी ही नई किताबों के प्रपोजल के साथ सामने आएंगें.


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक नए एकेडमिक सेशन में स्टूडेंट्स को कम कोर्स वाली किताबें मिलने की पूरी संभावना है. इस ओर तेजी से काम चल रहा है.


सिलेबस और बुक्स का बदलेगा स्वरूप –


इसी रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एनसीईआरटी नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के आधार पर किताबों और सिलेबस से गैरजरूरी चीजें हटाएगी लेकिन इस काम में अभी समय लगेगा. ये काम हर स्टेज पर और क्लास के लिए किया जाएगा.


तब तक एनसीईआरटी ने किताबों को हल्का करने के लिए एक्सपर्ट्स नियुक्त किए हैं. ये इंटरनल और एक्सटरनल एक्सपर्ट हैं जो इस ओर काम कर रहे हैं.


जल्दी ही बाजार में होंगी नई किताबें –


कम कोर्स और सिलेबस के साथ नई किताबों के जल्दी ही बाजार में आने की संभावना है. विशेषज्ञ नए कंटेंट  वाले सिलेबस को जल्द ही डिपार्टमेंट ऑफ क्यूरीकुलम स्टडीज एंड डेवलेपमेंट के सामने पेश करेंगे. सब कुछ योजना के मुताबिक चला तो एक जनवरी 2022 तक पब्लिकेशन डिवीजन को ये किताबें फिर से प्रिंटिंग के लिए भेज दी जाएंगी.


वहीं नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क पर आधारित किताबों के एकेडमिक सेशन 2023-24 तक बाजार में आने की संभावना है.


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