Delhi News: दिल्ली की मंत्री आतिशी (Atishi) ने दावा किया कि बिजली की मांग (Power Demand) अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच जाने के बावजूद बिना किसी कटौती के इसे पूरा किया गया है. दिल्ली में अभी सीवीयर हीट वेब है. बिजली की डिमांड 15 साल में पहली बार मई में ही पीक पर पहुंच गई है. 


आतिशी ने कहा, ''21 मई को हीटवेव के कारण दिल्ली में बिजली की मांग अब तक के सबसे ऊंचे स्तर यानी 7717 मेगावाट पहुंच गई. बिजली की डिमांड 15 साल में पहली बार मई में ही पीक पर पहुंच गई है. केजरीवाल सरकार ने बिना पावर कट के इस मांग को पूरा किया. मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देना चाहती हूं और उन्हें आश्वस्त करती हूं कि गर्मी में आगे और बढ़ने वाली मांग को लेकर हम तैयार हैं.''


दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि अभी सीवीयर हीटवेव है. बिजली की डिमांड 15 साल में पहली बार मई में ही पीक पर पहुंच गई है. 21 मई को डिमांड 7717 MW पर पहुंची. लेकिन इसके बावजूद पावर सप्लाई में कोई समस्या नहीं आई है. केजरीवाल सरकार अभी भी 24 घंटे बिजली दे रही है. कहीं भी लोड शेडिंग नहीं है, कहीं भी पावर कट नहीं हुआ.


पहले 6-8 घंटे कटती थी बिजली- आतिशी
आतिशी ने कहा कि ''2014 की गर्मी में भी दिल्ली में हीटवेव दिखा था. 5925 MW तक पीक डिमांड गई थी और 6-8 घंटे का पावर कट होता था. लेकिन आज पीक डिमांड 7717 MW के बावजूद पावर कट नहीं हुआ है. तीनों बिजली कंपनियों के कर्मियों को और दिल्ली वालों की तरफ़ से सीएम केजरीवाल को इसके लिए धन्यवाद.''


बीजेपी शासित राज्यों में कट रही बिजली- आतिशी
आतिशी ने दावा किया कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में खूब पावर कट हो रहे हैं. ग्रेटर नोएडा में 8 घंटे के पावर कट हुए हैं. लोनी और नोएडा में 6-7 घंटे के पावर कट हुए हैं. गुरुग्राम में दिन में 10-13 बार पावर कट हुए हैं. मध्य प्रदेश के भोपाल हो या उज्जैन या राजस्थान, भाजपा के हर राज्य में लंबे पावर कट हो रहे हैं. जुलाई अगस्त में 8 हज़ार MW तक डिमांड जा सकता है और दिल्ली सरकार इसके लिए भी तैयार है. अगर इससे ऊपर भी डिमांड जाती है तो हम उसके लिए भी व्यवस्था करेंगे.


बीजेपी की सरकारों को नहीं आता गवर्नेंस - आतिशी
मंत्री आतिशी ने कहा कि ''हम सबने कोरोना के दौरान देखा कि दिल्ली के अस्पतालों में पड़ोसी राज्यों से मरीज़ आते थे क्योंकि वहां प्रॉपर मेडिकल सुविधा नहीं थी. आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आधे से ज़्यादा बच्चे बॉर्डर पार करके आते हैं. भाजपा सरकारों को गवर्नेंस नहीं आता है, स्कूल अस्पताल चलाने नहीं आते, बिजली देनी नहीं आती. उन्हें सिर्फ़ चुनाव के समय माहौल ख़राब करना आता है.''


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