आम आदमी पार्टी (आप) के नेता नरेश बालियान से जुड़े मकोका मामले में शनिवार (6 सितंबर) को राऊज एवेन्यू कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. अदालत ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि आरोपियों को सभी जरूरी दस्तावेज 15 सितंबर तक मुहैया कराए जाएं.
इससे पहले हुई सुनवाई में अदालत ने नरेश बालियान और अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत 3 जून तक बढ़ा दी थी. साथ ही, पुलिस को आरोपी विकास गहलोत के खिलाफ जांच की रफ्तार तेज करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने साफ कहा था कि जांच में किसी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए और हर पहलू को ध्यान में रखा जाए.
पुलिस ने पेश की चार्जशीट
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, नरेश बालियान और उनके सहयोगियों पर संगठित आपराधिक नेटवर्क बनाने और उसे चलाने के आरोप हैं. इस नेटवर्क पर हथियारों की तस्करी, जबरन वसूली और कई अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
पुलिस का कहना है कि इस गैंग ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में लंबे वक्त तक अवैध तरीके से आर्थिक फायदा उठाया. मकोका (MCOCA) का इस्तेमाल आमतौर पर बड़े और संगठित अपराधियों पर काबू पाने के लिए किया जाता है.
वहीं, नरेश बालियान ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है. उनका कहना है कि यह पूरा मामला राजनीतिक साजिश का हिस्सा है और उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है. बालियान का आरोप है कि विपक्षी ताकतें उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रही हैं ताकि उन्हें राजनीतिक नुकसान पहुंचाया जा सके.
कपिल सांगवान से बातचीत का ऑडियो क्लिप बना सबूत
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू के साथ बातचीत का एक ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद नरेश बालियान को गिरफ्तार किया था. पुलिस का कहना है कि यह ऑडियो इस पूरे नेटवर्क के सक्रिय होने का अहम सबूत है.
इस केस की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी. माना जा रहा है कि इस दौरान आरोप तय करने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. कानूनी हलकों में यह तारीख अहम मानी जा रही है, क्योंकि इससे आगे केस किस दिशा में बढ़ेगा, इसकी तस्वीर साफ हो सकती है.