Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में बीते कई साल से बार-बार सीलिंग का जिन्न निकल सामने आ जाता है. यह एक एक ऐसा जिन्न है जो हर बार कई दुकानों को सील कर देता है. हालांकि, सीलिंग की कार्रवाई के बाद एमसीडी अधिकारियों को कई तरह की परेशानियों और आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद एमसीडी ने एक बार फिर सीलिंग की नई लिस्ट तैयार की है. इस लिस्ट में 128 दुकानों के नाम शामिल हैं. इनमें से 66 दुकानों को सील करने के लिए नोटिस भी जारी हो चुके हैं. अब इन दुकानों पर कभी भी एमसीडी के अधिकारी सीलिंग की कार्रवाई कर सकते हैं. 


दरअसल, मिक्स लैंड यूज और कॉमर्शियल इलाकों के बाद मॉनिटरिंग कमिटी की नजरें अब कच्ची और अनाधिकृत व नियमित कॉलोनियों पर पड़ी हैं. कमेटी ने एमसीडी को बिजवासन गांव के पास स्थित अंबेडकर कॉलोनी से होली चौक तक तंग सड़क पर अतिक्रमण कर बने दुकानों को सील करने का आदेश दिया है.


अतिक्रमण के चलते लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल


जानकारी के मुताबिक मॉनिटरिंग कमेटी को शिकायत मिली थी कि अंबेडकर कॉलोनी से होली चौक के बीच स्थित सड़क पर कॉमर्शियल गतिविधियों के कारण अतिक्रमण हो गया है. सड़क के दोनों तरफ मकान बने हैं, जिन्होंने सड़कों पर अतिक्रमण कर दुकानें खोल ली हैं. बड़े-बड़े ट्रकों में समान आते हैं और घंटों एक जगह लगे रहते हैं, जिससे पैदल चलने वालों को भी काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. इसे देखते हुए कमेटी ने एमसीडी को उचित कार्रवाई के आदेश दिए थे. एमसीडी द्वारा 128 दुकानों की लिस्ट तैयार की गई थी, जिसमें से फिलहाल 66 को सीलिंग से संबंधित नोटिस जारी किया गया है. बिजवासन गांव के लोग काफी विरोध कर रहे हैं.


सीलिंग की तैयारी पूरी, गांव वालें करेंगे विरोध


एमसीडी अधिकारियों ने दो बार अवैध दुकानों को सील करने का प्रयास किया, लेकिन गांव वालों के भारी विरोध के चलते टीम को वापस लौटना पड़ा. अब एमसीडी पर्याप्त पुलिस बल के साथ पहूंच कर सीलिंग की तैयारी में है. एमसीडी की इस कार्रवाई पर स्थानीय निवासी और साउथ एमसीडी के पूर्व डिप्टी मेयर प्रवीण राणा का कहना है कि जिस रोड पर दुकानों को सील करने का नोटिस एमसीडी ने दिया है, वह लाल डोरे में आती है. इस रोड पर छोटी-छोटी दुकाने हैं, जिन्हें सील नहीं किया जाना चाहिए. वहीं गांव के लोग भी एकजुट हो कर सीलिंग की कार्रवाई का विरोध करने का मन बना चुके हैं. इसे लेकर गांव के लोगों ने पंचायत भी बुलाई थी, जिसमें सभी ने सीलिंग के विरोध को लेकर सहमति दी.


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