Delhi Weather: मानसून आने से पहले तैयारियां शुरू कर दी जाती है और खास तौर से राजधानी दिल्ली में हर साल मानसून में दिल्ली का जो हाल होता है वह किसी से छुपा नहीं है. मानसून को लेकर अधिकारियों की बैठकों की शुरुआत हो चुकी है. उसी कड़ी में एमसीडी आयुक्त अश्वनी कुमार ने गुरुवार को सिविक सेंटर में मानसून की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में सभी अतिरिक्त आयुक्त, सभी जोन के उप आयुक्त, इंजीनियर-इन-चीफ, जोन के सहायक आयुक्त, रखरखाव, भवन, परियोजना और ईएमएस विभागों के इंजीनियर, सफाई अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. 

एमसीडी से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी मानसून सीजन के लिए एमसीडी की तैयारियों की समीक्षा करना था, जिसमें जलभराव, सफाई और जन सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया. सभी जोनल उप आयुक्तों, इंजीनियर-इन-चीफ और अतिरिक्त आयुक्तों ने जलभराव की समस्या से निपटने के लिए अपने-अपने कार्य योजनाएं साझा कीं. उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने, संसाधनों की उपलब्धता बढ़ाने और स्टाफ की पर्याप्त तैनाती से जुड़े सुझाव भी दिए.

मीटिंग के दौरान इंटरएक्टिव सेशन हुआ जिसमें सभी मौजूद अधिकारी इंजीनियर ने आयुक्त के सामने मानसून को लेकर अपनी बात साफ तौर से सामने रखी. जिसमें सफाई अधीक्षक, सहायक आयुक्त, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर,सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर, चीफ इंजीनियर और अन्य अधिकारियों ने मैदान में आ रही समस्याओं, नालों की सफाई, जलभराव के पुराने मुद्दों और विभागों के बीच समन्वय से जुड़ी चुनौतियों पर अपनी बात रखी.

इसमें डीईएमएस और इंजीनियरिंग विभाग के एसआई, एएसआई और अन्य कर्मचारियों ने भी भाग लिया. उन्होंने जमीन से जुड़े व्यावहारिक सुझाव आमंत्रित किए और कहा कि जिन परियोजनाओं से सीधे जनता को लाभ मिलेगा, उनमें जरूरी फंड भी उपलब्ध कराया जाएगा.

बैठक में इन बातों पर फोकस

बैठक में विशेषकर नालों की समय पर सफाई ताकि जलभराव रोका जा सके, जलभराव वाले स्थानों पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति, जलभराव क्षेत्रों के दोनों ओर की ड्रेनेज व्यवस्था का नक्शा तैयार करना संवेदनशील स्थानों पर मजदूरों और सुपरवाइजरी स्टाफ की तैनाती, पंपिंग स्टेशनों के सम-वेल की 24 घंटे सफाई, पोर्टेबल पंपों की सर्विसिंग और सही जगह पर तैनाती, पंपों का समय पर संचालन और आवश्यक स्टाफ की व्यवस्था, कॉलोनी ड्रेनों की इंजीनियरिंग और सफाई विभाग द्वारा संयुक्त सफाई, विभागीय समन्वय से जुड़े मुद्दों को ज़ोनल स्तर पर सुलझाना या मुख्यालय भेजना शामिल है.

मानसून के दौरान खतरनाक ढांचों से जुड़ी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई, मशीनों और कर्मचारियों से गहराई से सफाई, कचरा जमा होने वाले बिंदुओं की समय पर सफाई और स्थायी समाधान, धार्मिक स्थलों और सेकेंडरी कलेक्शन पॉइंट्स के आसपास सफाई, पार्कों की देखरेख और क्षेत्र की सामान्य स्वच्छता बनाए रखना. इसके साथ ही मानसून को लेकर जो भी तैयारी की जानी है उसको समय पर पूरा किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं. 

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