Delhi Metro Phase-4: दिल्ली मेट्रो का दायरा लगातार बढ़ रहा है और तेजी से काम चल रहा है. पिछले कई सालों से दिल्ली मेट्रो के कनेक्टिविटी कई प्रतिशत तक बढ़ी है. इस हिसाब से देखा जाए तो तकरीबन दिल्ली के ज्यादातर इलाकों तक मेट्रो की लाइन पहुंच गई है और उसी कड़ी में दिल्ली मेट्रो की फेज-4 की प्राथमिक कॉरिडोरों पर निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है. तीनों कॉरिडोरों में कुल मिलाकर 70 प्रतिशत से ज्यादा सिविल वर्क पूरा हो चुका है. इन कॉरिडोरों में मजलिस पार्क से जगतपुर गांव तक लगभग 4.6 किलोमीटर लंबा हिस्सा अब लगभग तैयार है.

गुरुवार को डीएमआरसी से ताजी जानकारी सामने आई है, जिसके मुताबिक इस सेक्शन पर शुरुआती ट्रायल रन पिछले साल दिसंबर के अंत में शुरू किए गए थे. इस सेक्शन में तीन नए स्टेशन – बुराड़ी, झरोड़ा माजरा और जगतपुर गांव शामिल हैं. इसे सभी जरूरी सरकारी मंजूरी और प्रमाणन मिलने के बाद जनता के लिए खोला जाएगा.

पिछले दो महीनों में, डीएमआरसी ने एरोसिटी–तुगलकाबाद कॉरिडोर पर तीन बड़ी सुरंगों का काम सफलतापूर्वक हुआ है, जिसमें छतरपुर मंदिर – इग्नू – 1,475 मीटर (25.02.2025), किशनगढ़ – वसंत कुंज – 1,550 मीटर (06.03.2025), छतरपुर मंदिर – इग्नू – 1,460 मीटर (18.03.2025). 

फेज-4 की पहली मेट्रो लाइन जनकपुरी वेस्ट से कृष्णा पार्क के बीच

फेज-4 की पहली मेट्रो लाइन जनकपुरी वेस्ट से कृष्णा पार्क एक्सटेंशन के बीच 5 जनवरी 2025 को यात्रियों के लिए शुरू की गई थी. इसी दिन फेज-4 के अंतर्गत रिठाला से कुंडली तक की मेट्रो लाइन का शिलान्यास भी किया गया. कुल मिलाकर, डीएमआरसी राष्ट्रीय राजधानी में फेज-4 के तहत लगभग 112 किलोमीटर नई मेट्रो लाइनें बना रही है.

हाल में डीएमआरसी ने जानकारी दी थी कि लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर बनेगा देश की पहली 3-कोच मेट्रो लाइन डिजाइन की गई है, जिसको जल्दी शुरू किया जाएगा. यह नई लाइन फेज-4 के अंतर्गत लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक के बीच बनाई जा रही है.

कम दूरी के रूटों के लिए किफायती और स्मार्ट समाधान

यह दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की दूसरी सबसे छोटी लाइन होगी (8 किलोमीटर लंबी) और इससे अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी. साथ ही, यह लाइन मौजूदा मेट्रो कॉरिडोरों से अच्छे से जुड़ी होगी, जिसके साथ ही देश में पहली बार 3 कोच मेट्रो ट्रेन होगी.

अभी तक मेट्रो ट्रेनों में 4, 6 या 8 कोच होते हैं, लेकिन यह नई लाइन खास तौर पर छोटे रूटों के लिए 3-कोच वाली ट्रेनों के साथ बनाई जा रही है. यह सिस्टम किफायती, तेज और आसान ऑपरेशन के लिए बेहतर रहेगा और इससे रोज यात्रा करने वाले यात्रियों को फायदा मिलेगा.

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