Delhi: दिल्ली में सोमवार को कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बैठक होने जा रही है. इस बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा होगी. दिल्ली और पंजाब में सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर आप और कांग्रेस को चर्चा करनी है. दिल्ली और पंजाब में अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी सत्ता में है. पंजाब में, आप और कांग्रेस दोनों की राज्य इकाइयां अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं और वे कोई समझौता नहीं करना चाहतीं.


इससे पहले आप सूत्रों ने पंजाब में कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना से इनकार किया था. कांग्रेस ने व्यापक आंतरिक विचार-विमर्श के बाद, लोकसभा चुनाव के लिए कुछ राज्यों में ‘इंडिया’ गठबंधन की समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू कर दी है. वहीं सूत्रों के मुताबिक चर्चा दिल्ली तक ही सीमित रहेगी और पंजाब या गोवा या गुजरात में सीट बंटवारा एजेंडे में नहीं है.


बैठक में कौन-कौन नेता होंगे शामिल?


आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान के गुजरात में चुनाव प्रचार करने और पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के देश में नहीं होने के कारण बैठक में राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक और दिल्ली के मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज शामिल होंगे. कांग्रेस की ओर से बैठक में सलमान खुर्शीद, दिल्ली के लिए एआईसीसी पर्यवेक्षक दीपक बाबरिया, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश सिंह बघेल और राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के अलावा मुकुल वासनिक सहित लगभग सात वरिष्ठ नेता भाग लेंगे.


दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं. सूत्रों के मुताबिक आप और कांग्रेस दोनों ही सिर्फ दो सीट ही छोड़ने को तैयार हैं. कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय राजधानी की सात लोकसभा सीटों में से पांच पर दावा कर सकती है. पांच सीटों में चांदनी चौक, पूर्वोत्तर दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली शामिल होने की संभावना है, जहां वोट शेयर के मामले में कांग्रेस, आप की तुलना में दूसरे स्थान पर थी.


केजरीवाल ने गठबंधन को लेकर कही थी ये बात


दूसरी तरफ पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और परिषद की बैठक के दौरान केजरीवाल ने कहा था कि आप भारत और संविधान को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन का हिस्सा है. उन्होंने यह भी कहा कि जिन जगहों पर वह उम्मीदवार नहीं उतारेगी, वहां पार्टी का कैडर इंडिया गठबंधन का समर्थन करेगा. आप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हम स्पष्ट हैं कि हम गठबंधन चाहते हैं और इन चर्चाओं में वोट शेयर पर नजर रखना बहुत महत्वपूर्ण है. आप ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों और हाल के एमसीडी चुनावों में जीत हासिल की है और इसके हिसाब से सीट शेयरिंग पर बात करनी चाहिए."


गौरतलब है कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई के नेताओं ने दोनों दलों के बीच गठबंधन के खिलाफ बात की है. पंजाब की तरह, राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन का विधानसभा स्तर पर प्रभाव पड़ने को लेकर चिंताएं व्यक्त की गई हैं. हालांकि, दिल्ली में आप काफी हद तक गठबंधन के पक्ष में है, क्योंकि पार्टी प्रमुख केजरीवाल शुरू से ही गठबंधन के पक्ष में रहे हैं. दोनों पार्टियां 2019 चुनाव से पहले गठबंधन के लिए भी बातचीत कर रही थीं लेकिन सीट बंटवारे पर चर्चा के दौरान बातचीत टूट गई.


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